हाई कोर्ट ने लगाई शिक्षा विभाग पर एसी, गाड़ियां खरीदने पर रोक

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प्राथमिक विद्यालयों में गिरते शैक्षणिक स्तर के मामले में हाई कोर्ट ने आदेशों का अनुपालन नहीं होने पर गंभीर रुख अपनाया है। कोर्ट ने शुक्रवार को फिर से शिक्षा सचिव व वित्त सचिव को व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं। साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों के लग्जरी सामान जैसे कार, एसी, वाटर प्यूरीफायर आदि सामान की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी।

देहरादून निवासी दीपक राणा ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उत्तराखंड के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर निचले स्तर तक पहुंच गया है। विद्यालयों में पठन-पाठन सामग्री का अभाव है। शिक्षकों की कमी है। विद्यालय भवन जीर्णशीर्ण हालत में हैं। शौचालय हैं न बैठने के लिए कुर्सी मेज। कोर्ट ने पूर्व में इन कमियों को दूर करने के लिए सरकार को दस बिन्दुओं की गाइडलाइन जारी की थी। आदेश का अनुपालन नहीं होने पर अधिवक्ता ललित मिगलानी द्वारा कोर्ट में हलफनामा पेश किया गया। जिस पर सुनवाई करते हुए शिक्षा सचिव को कोर्ट में तलब किया गया था। गुरुवार को शिक्षा सचिव चंद्रशेखर भट्ट कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने प्राथमिक शिक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदमों का ब्योरा प्रस्तुत किया। कोर्ट ने सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर शुक्रवार को फिर से शिक्षा सचिव के साथ ही वित्त सचिव को तलब कर लिया। साथ ही शिक्षा विभाग में लग्जरी सामान की खरीद फरोख्त पर रोक लगा दी। मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ में हुई।