उत्तराखंड चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा ने उत्तराखंड की जिले व विधानसभा की सारी इकाइयां भंग कर दी हैं। प्रदेश प्रभारी नसीमुद्दीन सिद्दीकी की जगह अब सीपी सिंह को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। वह पहले बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि, प्रदीप जाटव की प्रदेश प्रभारी के पद पर तैनाती यथावत रखी गई है।
उत्तराखंड की चौथी विधानसभा के लिए हुए चुनाव में बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यह पहली बार हुआ जब बसपा को प्रदेश में एक भी सीट नसीब नहीं हुई है। हाल ही में बसपा सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में बैठक कर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा की। बैठक में पार्टी के प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने पर जोर दिया गया। यह जानकारी देते हुए प्रदेश के नवनियुक्त प्रदेश प्रभारी सीपी सिंह ने बताया कि बैठक में चुनाव में हुए प्रदर्शन पर चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि बसपा सुप्रीमो ने प्रदेश की सभी जिला व विधानसभा इकाइयों को भंग कर दिया है। प्रदेश में दो प्रदेश प्रभारी हैं। इनमें से नसीमुद्दीन सिद्दीकी की जगह उनकी तैनाती की गई है। प्रदेश प्रभारी सीपी सिंह ने कहा कि अब सभी कार्यकर्ता मिलजुल कर पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का कार्य करेंगे।
आपको बतादें कि पिछले सभी चुनावों में बसपा को तीन-चार सीट पर विजय मिलती ही थी लेकिन इस बार मोदी की बाढ़ में बसपा की सीटें भी बह गई। एक तरफ कांग्रेस अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए नई नियुक्तियां कर रहां तो अब बसपा ने भी अपना नया पार्टी प्रभारी चुन लिया है।