चमोली जिला कारागार एक बार फिर से सुर्खियों में बना हुआ है। यहां लंबे समय से बंद कुख्यात सुशील चौधरी द्वारा देवबंद की महिला चिकित्सक डॉ. आशा सनावर को 40 लाख रुपये दिये जाने की धमकी भरा पत्र भेजे जाने का मामला सामने आया है।मामला सामने आते ही चमोली जेल प्रशासन की कार्य प्रणाली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है हालांकि, जेल अधिकारी जेल में रखे गये कैदियों के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था कम होने की बात कह रहे हैं। साथ ही मामले को लेकर पत्र अन्य द्वारा लिखे जाने की आशंका जताते हुए, जांच की बात कही जा रही है।
पूर्व में भी हुए है कई मामले
पुरसाड़ी कारागार पूर्व भी में कैदियों द्वारा जेल से धमकी देने व जेल अधिकारियों के साथ मारपीट के मामलों में चर्चाओं में रहा है। बीते वर्ष तीन फरवरी को मधुमिता हत्या कांड के आरोपी संतोष राय द्वारा जेल में मोबाइल और अन्य सुविधाएं दिए जाने की मांग को लेकर जेलर से मारपीट की गई थी जबकि, 25 नवंबर 2016 को जेल में बंद कुख्यात प्रवीण बाल्मीकि द्वारा मोबाइल से रुड़की के व्यवसायी को चैथ वसूली के लिये धमकी देने का मामला भी सामने आया था। इससे पूर्व भी बाक्सर नाम के एक कैदी द्वारा अपनी बैरक में रह रहे अन्य कैदी के साथ मारपीट की थी जबकि 2013 की आपदा के दौरान जेल की सुरक्षा दीवार गिरने के बाद यहां से दो विचाराधीन कैदियों ने भी भागने के प्रयास में जेल में तैनात कर्मचारियों से मारपीट की थी।
जेलर प्रमोद कुमार का कहना है कि जेल में रह रहे कैदियों द्वारा लिखे जाने वाले पत्रों को जांच के बाद ही भेजा जाता है। ऐसे में सुशील चौधरी द्वारा भेजे गये धमकी भरे पत्र अन्य द्वारा लिखे जाने, परिजनों के माध्यम से भेजे जाने सहित अन्य कई कारण हो सकते हैं। जांच के बाद ही मामले का पता चल सकेगा।