उत्तराखंड के ये फुटबॉलर भाई बहन कहते हैं “बेंड इट लाइक पंवार”

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साहिल और रक्षा पंवार, देहरादून के यह भाई-बहन इन दिनों फुटबॉल के अपने सपने को हकीकत में जी रहे हैं। दोनों एक पेशेवर फुटबॉल क्लब के लिए खेल रहे हैं अौर कई बार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड और भारत देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

18 साल के साहिल पंवार जो वर्तमान में कक्षा 12 के इम्तेहान देने वाले हैं पढ़ाई के साथ-साथ फुटबॉल के मैदान में एक डिफेंडर के तौर पर माहिर हैं और अभी भारतीय सुपर लीग में एफसी पुणे सिटी के साथ जुड़े हैं। कुछ हफ्ते पहले, 13 जनवरी को साहिल फुटबॉल क्लब से जुड़े और वहां भी अपना जलवा बिखेर दिया। इससे पहले वह एफसी पुणे सिटी अकादमी (क्लब की जूनियर टीम) का हिस्सा थे।

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साहिल बताते हैं, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इतनी जल्दी सीनियर टीम का हिस्सा बन जाऊंगा। यह मेरे लिए एक सपने की तरह सच साबित हुआ है, आने वाले मैचों में मुझे अपना खेल खेलना है।”

दूसरी तरफ, उनकी बड़ी बहन रक्षा ने 13, 14, 16 और अंडर 19 फुटबॉल टूर्नामेंट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। जिसमें भारतीय टीम का श्रीलंका में कप्तान के रूप मे, एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन चैम्पियनशिप 2009 को लीड किया। वह 2017 में एफसी पुणे सिटी महिला टीम का भी हिस्सा बनी, हालांकि चोट के कारण वह खेल नहीं सकी।

दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक, वर्तमान में वरिष्ठ राष्ट्रीय महिला टीम का हिस्सा बनने की तैयारी रक्षा कर रही हैं और साथ ही साथ कोच भी बनना चाहती  है। “जब मैनें खेलना शुरू किया, तो मैं लड़कों के साथ अभ्यास करती थी, क्योंकि लड़कियों के साथ खेलने के लिए कोई लड़की थी ही नहीं।

हालांकि यह भाई-बहन को साथ समय बिताने का मौका कम ही मिलता है, लेकिन दोनो एक दूसरे के काफी करीब हैं और एक दूसरे को हिम्मत और खेल से जुड़ी गाइडेंस भी देते रहते हैं। साहिल कहते हैं, “मैं हमेशा मार्गदर्शन के लिए रक्षा को देखता हूं और उसकी राय लेता हूं, वह मेरी ताकत है।”

पवाँर भाई-बहन अपने फुटबॉलर पिता दीपक से प्रेरित हैं जो उनके पहले कोच भी थे। दोनो अपने पिता के शुक्रगुज़ार हैं कि उन्होने न सिर्फ उन्हे खेल के गुर सिखाये बल्कि फुटबॉल जैसे खेल को लेकर समाज से आने वाले दबाव की चिंत्ता न करते हुए अपने बच्चों को अपने सपने जीने का मौका दिया।