नोटबंदी से उत्तराखंड पर्यटन को नुकसान, पर्यटकों के लिये फायदेमंद डीलों का मौसम

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दिसंबर और ख़ासतौर पर क्रिस्मस और नये साल पर उत्तराखंड के होटल मालिक और पर्यटन से जुड़े और लोगों के लिये कमाई का सीज़न होता है। दिल्ली से पास होने के कारण मसूरी, नैनीताल, कार्बेट, लैंसडाउन आदि शहर सैलानियों के लिये नये साल के स्वागत के लिये पसंदीदा जगह होते हैं। लेकिन इस साल नोटबंदी के बाद से ही पर्यटन से जुड़े व्यापारियों के माथे पर परेशानी की लकीरें पड़ गई हैं। राज्य के होटल व्यव्सायिओं ने बताया है कि इस वर्ष होटल और टूरिज्म बिजनेस में काफी गिरावट आयी है। उत्तराखंड होटल व्यवसाय के अध्यक्ष संदीप साहनी ने सभी होटल व्यवसायिओं के पक्ष में कहा कि नवंबर माह में औसतन 30-40 प्रतिशत गिरावट आई है, जबकि नवंबर के पहले हफ्ते में गुजरात और महाराष्ट्र के पर्यटकों की वजह से अच्छा खासा फायदा हुआ था।

लेकिन 8 नवंबर से बीते सालों के मुकाबले काफी गिरावट आयी है। राज्य में इस सीज़न मानो पर्यटक एकदम गायब से हो गए हैं और जिनकी पहले से बुकिंग थी वो भी बुकिंग कैन्सल करा रहे हैं। पर्यटन स्थल ऋषिकेश,हरिद्वार,कार्बेट,मसूरी और देहरादून जैसे स्थानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। होटल व्यवसायी रजत अग्रवाल बताते हैं कि इस गिरावट का मुख्य कारण है बाज़ार में नए नोटों के रोटेशन का धीमा होना, और आज पैसों की यह परेशानी देखते हुए लोगों को यह डर भी है कि आने वाले समय में पैसों कि किल्लत और न बढ़ जाए।

खुद राज्य सरकार भी नोटबंदी से पर्यटन को हुए नुकसान से परपेशान है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसके चलते केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर हालात से अवगत कराया है और स्थिति सुधारने के लिये सुझाव भी दिये हैं। राज्य सरकार के आधीन चलने वाले गढ़वाल मंडल विकास निगम और कुमांऊ मंडल विकास निगम (जो कि पूरे प्रदेश में टूरिस्ट रेस्ट हाउस चलाता है) वहां भी पर्यटकों की आवक में 15-18 प्रतिशत की गिरावट दर्ज़ हुई है।

लेकिन पर्अ्भयटन जगत से जुड़े लोगों को अभी भी हालात बेहतर होने की उम्मीद है। जो लोग अपने घरों से बाहर निकलकर कम पैसों में ज्यादा मौज-मस्ती करना चाहते हैं उनके लिए यह बिल्कुल सही समय है अपने पसंदीदा हिल स्टेशन जाने का और रुकने के लिए होटल में बुकिंग करवाने का। बहुत से होटल मालिकों ने तो पर्यटकों को लुभाने के लिए आने वाले छुट्टियों के मौसम में अपना होटल का किराया 20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक कम कर दिया है।साथ ही कैशलेस पैमेंट करने के लिये बड़े और छोटे ज़्यादातर व्यापारियों ने तैयारी कर ली है जिससे आने वाले सैलानियों को नोटबंदी के कारण परेशानी न उठानी पड़े औऱ वो अपनी छुट्टियों का पूरा मज़ा ले सकें।