पेंशन के लिए अधिकारियों ने दी टेंशन

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काशीपुर, बुजुर्गों और विकलांगों को सहारा देने के लिए शुरु की गयी पेंशंन योजना अधिकारियों की लापरवाही के चलते परवान नहीं चढ पा रही है, विभागों के चक्कर काटने को मजबूर विकलांगों की जहां हिम्मत टूट चुकि है तो विवधाओं की आंखे पेशन की आस में पथरा गयी है, समाज कल्याण विभाग के अफसर बुजुर्गो का कल्याण नहीं कर पा रहे हैं। एक साल से पेंशन के लिए ब्लॉक के चक्कर काट-काट कर थक चुके हैं। कई लाभार्थियों की आंखें भर आई। बोले कि पेंशन ही जीने का सहारा है। अधिकारियों की कार्यप्रणाली हमें इससे भी दूर कर रही है।

विकास खंड भवन में स्थित सहायक समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में अफसर सप्ताह में तीन दिन बैठते हैं। बाकी तीन दिन बाजपुर में बैठते हैं। यहां पर विधवा, विकलांग, वृद्धावस्था पेंशन आदि समस्याएं लेकर पात्र व लाभार्थी आते हैं। एक साल से विधवा पेंशन के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रही महिला के तो चक्कर काट काट कर अब आंसू निकल आये हैं, मगर अभी तक पेंशन की स्वीकृति नहीं मिली। पेंशन स्वीकृति न होने से आवेदक सरकार की इस योजना से लाभ मिलने की उम्मीद बी छोड चुके हैं और कहने लगे कि पहले अफसर मिलते नहीं है। यदि मिल गए तो आज-कल में आने की बात कहकर वापस कर देते हैं।

एक बार कार्यालय में 30 से 40 रुपये टेंपो के किराये में खर्च हो जाते हैं। यही दर्द अन्य पात्रों व लाभार्थियों का है। योजनाओं का लाभ पाने के लिए लोग कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, मगर विभाग के अफसरों को इसकी कोई चिंता नहीं है। इससे लोगों में विभाग के प्रति रोष है।