रेस्टोरेंट स्थापित करने अथवा वाहन क्रय कर अपनी आजीविका चलाने संबंधी उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांशी वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वराजेगार योजना की बैठक हुई। जिलाधिकारी डॉ. नीरज खैरवाल ने इस योजना के लिए आए आवेदनों का परीक्षण कर आवेदनकर्ताओं का साक्षात्कार लिया, ताकि लाभार्थी अपना स्वरोजगार आसानी से संचालित कर सकें। उन्होंने कहा कि लाभार्थी चयन में मानक का ध्यान रखा जाए।
वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वराजेगार योजना की बैठक कलक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई। इस मौके पर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि गैर वाहन व वाहन मद में प्राप्त आवेदनों का भलीभांति परीक्षण कर लिया जाए।
सीडीओ अलोक कुमार पाण्डेय ने जिला पर्यटन अधिकारी बीसी त्रिवेदी से कहा कि योजना का व्यापक प्रचार किया जाय। शिक्षित बेरोजगार व्यक्तियों के लिए वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन योजना स्वरोजगार के क्षेत्र में कारगर योजना है जिससे अधिक से अधिक लोग योजना से लाभान्वित हो सकते हैं। इस योजना के विस्तारीकरण के लिए सरकार प्रयासरत है।
सीडीओ ने बताया कि गैर वाहन मद में 14 आवेदकों के आवेदन प्राप्त हुए जिनका परीक्षण के उपरान्त सात आवेदन स्वीकृत किए गए, जबकि वाहन मद में 12 आवेदन प्राप्त हुए। इनके परीक्षण के उपरान्त सात आवेदन स्वीकृत किए गए। जिला पर्यटन अधिकारी बीसी त्रिवेदी ने बताया कि वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है। इसके अन्तर्गत लाभार्थी रेस्टोरेंट स्थापित करने अथवा वाहन क्रय कर अपनी आजीविका चला सकते हैं। योजना के अन्तर्गत अधिकतम 40 लाख तक का ऋण 25 प्रतिशत अनुदान पर दिया जाता है।