दून अस्पताल में अव्यवस्थाओं पर बिफरे सीएम सलाहकार: डॉ. बलूनी

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navin baluni cm advisor doon hospital inspection

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. नवीन बलूनी ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षरण के दौरान डॉ. बलूनी ने शौचालयों की खराब स्थित व जगह-जगह गंदगी देख नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत की बात कर रहे हैं और अस्पताल ने स्वच्छता ताक पर रख दी है। जब हमारे अस्पताल स्वयं स्वच्छता का ख्याल नहीं रखेंगे तो हम भला मरीजों को क्या सीख देंगे। उन्होंने अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए अस्ताल को एक सप्ताह का समय दिया।
गुरुवार को सीएम सलाहकार दून अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने अस्पताल की विभिन्न सुविधाओं और संसाधनों का जायजा लिया। इस दौरान डॉ. बलूनी अव्यवस्थाओं को देख जमकर बिफरे। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में जगह जगह लगाए गए वाटर कूलर भी मिले खराब। इस पर भी उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यह अजीब स्थिति है कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है। उन्होंने अस्पताल की कैंटीन का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंनें खुद खाना खाकर देखा। कैंटीन में स्वच्छता ताक पार देख वह खिन्न दिखे।
सीएम सलाहकार ने चिकित्सा अधीक्षक डॉ. के.के. टम्टा को एक सप्ताह में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। वार्ड का मुआयना करते एमएसबीवाई कार्डधारक एक मरीज ने उन्हें बताया कि उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा। एमएसबीवाई काउंटर पर बताया गया कि उनका कार्ड ब्लॉक है। दरअसल बीमा कंपनी ने बीते वर्ष गैर लाभार्थियों के साथ ही कई लाभार्थियों के कार्ड भी ब्लॉक कर दिए थे। खुद अपर मुख्य सचिव इन्हें पुनः शुरू करने के निर्देश कंपनी को दे चुके हैं पर इस ओर कार्रवाई नहीं हुई। जिसका खामियाजा मरीज उठा रहे हैं।
इसके बाद, उन्होंने महिला अस्पताल का रुख किया, जहां उनका सामना मरीजों की शिकायतों से हुआ। वहीं, गर्भवती महिलाओं को बेड तक नहीं मिल पा रहे। प्रसूति के बाद एक बेड पर दो-दो महिलाओं को भर्ती करने की नौबत आ गई है। सीएमएस डॉ. मीनाक्षी जोशी ने बताया कि पूर्व में अस्पताल में 110 बेड स्वीकृत थे लेकिन मेडिकल कॉलेज बनने के बाद बेड लगभग आधे रह गए हैं। जबकि मरीजों का अत्याधिक दबाव है। इस विषय में शासन को पूर्व में ही अवगत करा दिया गया है।
महिला अस्पताल में तब अजीब स्थिति बन गई जब स्वास्थ्य सलाहकार ने सुझाव पेटिका चेक की। इस पेटी की चाभी ही नहीं मिली। बाद में ताला तोड़ा गया तो इसका कुंडा ही नहीं खुला। जिससे ये जाहिर हो गया कि पेटी कई सालों से खुली ही नहीं है। भीतर झांकने पर इसमें गंदगी पड़ी मिली। इस पर भी बलूनी ने नाराजगी जाहिर की है। डॉ. बलूनी ने सभीह अव्यवस्थाओं को ढर्रे पर लाने के लिए एक सप्ताह का समय दिया। उन्होंने मरीजों को हर संभव सुविधा प्रदान करने के निर्देश भी दिए।