महिला अस्पताल के एक बेड पर दो-दो मरीज, वेंटिलेटर और वार्मर मशीनें भी खराब

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देहरादून। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने राजकीय दून महिला चिकित्सालय में औचक निरीक्षण कर महिला एवं शिशुओं के उपचार की व्यवस्थाएं जाननी चाही तो पाया कि अस्पताल की चरमराई व्यवस्थाएं मरीजों की जान पर हावी हैं। राजकीय दून महिला चिकित्सालय में औचक निरीक्षण को पहुंची राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा अस्पताल में मौजूद तमाम खामियों पर बिफर पड़ी। अस्पताल में एक बैड में दो-दो महिला मरीज लेटी हुई मिली। जबकि अस्पताल में 22 वार्मर में महज 12 ही चलती स्थिति में पाए गए। वहीं, दो वेंटिलेटरों में दोनों ही खराब स्थिति में मिले। जिसपर उन्होंने महिला एवं शिशुओं के उपचार के लिए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए।

गुरुवार को महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा व सचिव रमिंद्री मंद्रवाल के नेतृत्व में टीम ने दून महिला अस्पताल में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। अस्पताल में मौजूद व्यवस्थाओं पर आयोग की टीम नाखुश नजर आई। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि अस्पताल में 29 बैड हैं, जिन पर 41 महिला मरीजों को लिटाया गया था। जबकि अस्पताल में वार्मर मशीनों की स्थिति जानीं गई तो 22 वार्मर में से 12 मशीनें ही चलती हालत में मिली। शेष 10 मशीनें खराब थी। अस्पताल में दो वेंटिलेटर में एक भी चलती स्थिति में नहीं मिला। उन्होंने इसे महिला एवं शिशुओं की जान के साथ समझौता करने जैसा बताया है। इसके बाद टीम ने कर्मचारियों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में करीब 50 बैडों की आवश्यकता है। 21 बैड नाकाफी हैं। बताया कि अस्पताल में रोजाना 200 से 250 मरीज रोजाना आते हैं। लेकिन इस हिसाब से यहां पर्याप्त संसाधन मौजूद नहीं हैं। इससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आयोग की अध्यक्ष कैंतुरा ने अस्पताल प्रशासन को मशीनों के संचालन व बैडों की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।
शौचालय की भी जांची व्यवस्था
आयोग की टीम ने महिला अस्पताल के शौचालय की स्थिति की भी जांच की। दरअसल, कुछ ही समय पूर्व अस्पताल में नवजात शिशु का शव भी मिला था। आयोग ने इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा किए इंतजामों को भी जांचा।

वहीं राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा से टीम न्यूजपोस्ट की बातचीत में उन्होंने कहा कि राजधानी के सरकारी अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाने पर सरकार को सोचना होगा साथ ही महिलाओं के बेहतर सुविधा के लिए नर्स और डॉक्टरों की संख्या बढ़ानी भी जरुरी है।