कनाडा में भारतीय संस्कृति का ध्वज फहरा कर लौटे डॉ. पंड्या

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डॉ. प्रणव पंड्या अपने दस दिवसीय कनाडा प्रवास से बुधवार देर सायं हरिद्वार लौटे। वे कनाडा के किंगस्टन शहर में आयोजित राष्ट्रीय यूथ कैम्प ‘जागो और जगाओ’ एवं विनिपेग शहर के 108 वेदीय गायत्री दीप महायज्ञ के संचालन के लिए गये थे।

अपने प्रवास की जानकारी में देते हुए डॉ. पंड्या ने बताया कि कनाडा के मूल निवासी एवं एनआरआई युवा जो वहीं पले-बढ़े हैं, भारतीयता के रंग में रंग रहे हैं। वे संस्कारों एवं पारिवारिक मूल्यों के विस्तार में जुटे हैं। साथ ही बच्चों में भारतीय संस्कृति के बीजारोपण के लिए चलाये जा रहे बाल संस्कारशाला को गति प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि विगत 17 वर्षों से चलाये जा रहे अमेरिका, कनाडा सहित यूरोपीय देशों के युवाओं को रचनात्मक दिशा देते हुए भारतीय संस्कृति के प्रति रुझान पैदा किया जा रहा है, जो अब एक अच्छी स्थिति में दिखाई दे रही है।

डॉ पंड्या ने बताया कि इस प्रवास के दौरान मिल्टन, हैमिल्टन, मिसिसागा, मारखम, क्रामटन के विभिन्न विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थानों में विशेष उद्बोधन हुए। इन सभी जगहों में युवाओं की संख्या ज्यादा रही। सभी ने एक मत से स्वीकारा कि युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के लिए भारतीय संस्कृति ही एक मात्र माध्यम है।
शांतिकुंज स्थित विदेश विभाग के अनुसार डॉ. पंड्या को प्रवास के दौरान काउंसलर जनरल ऑफ इण्डिया, प्रेस एवं इन्फॉर्मेंशन, कम्युनिटी वेलफेयर, इंडियन एम्बेसी के देवेन्द्र पाल सिंह, कंजरवेटिन पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मेम्बर ऑफ पार्लियामेंट नवल बजाज सहित दर्जन भर से अधिक संस्थानों ने विशेष रूप से सम्मानित किया। मानीटोगा प्रांत के मेंम्बर ऑफ पार्लियामेंट टेरी मुगड ने देवसंस्कृति विवि के सूत्रों को अपने प्रांत के युवाओं तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। उनके प्रवास के दौरान देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या, प्रो. विश्व प्रकाश त्रिपाठी, ओंकार पाटीदार, राजकुमार वैष्णव एवं छबिलाल गढ़िया शामिल रहे।