राज्य के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. धन सिंह रावत के निर्देशानुसार राज्य के सभी विश्वविद्यालयों ने निर्धारित तिथि 11 जुलाई को वार्षिक शैक्षिक कैलेंडर जारी कर दिए। उन्होंने खुद राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडरों का अवलोकन किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय और उनसे सम्बद्ध महाविद्यालय शैक्षणिक कैलेंडर का सख्ती से पालन करें।
मंगलवार को निदेशक, उच्चशिक्षा डॉ. बीसी मलकानी ने उच्च शक्षा राज्य मंत्री को जानकारी दी कि राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों ने कैलेंडर जारी कर दिए। इसके अनुसार श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय टिहरी गढ़वाल का शैक्षणिक सत्र 18 जुलाई से शुरू होगी। हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल का सत्र 11 जुलाई से, उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी का ग्रीष्मकालीन सत्र एक मई और शीतकालीन सत्र एक जनवरी से, दून विश्वविद्यालय (सर्टिफिकेट कार्यक्रम) एक जुलाई और नए छात्रों का पठन-पाठन 31 जुलाई से शुरू होगा। इसी तरह कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल 20 जुलाई से कक्षाएं शुरू करेगा, उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा 22 जुलाई से सत्र शुरू करेगा।
मलकानी ने बताया कि राज्य के सभी विश्वविद्यालयों ने अपने परिसर एवं सम्बद्व महाविद्यालयों के लिए कार्य दिवसों की सूची तैयार कर ली है। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय के सम्पूर्ण कार्य दिवस 205 एवं पठन पाठन 190, दून विश्वविद्यालय देहरादून के सम्पूर्ण कार्य दिवस 193 एवं पठन पाठन 184 दिन, कुमांऊ विश्वविद्यालय नैनीताल प्रथम एवं तृतीय सेमस्टर की अवधि 22 जुलाई से 25 नवम्बर कुल 90 दिन एवं परीक्षाएं चार दिसंबर से 23 दिसंबर कुल 20 दिन, इसी प्रकार द्वितीय एवं चतुर्थ सेमस्टर की अवधि 25 जनवरी, 2018 से 16 मई 2018 कुल 90 दिन एवं परीक्षा 24 मई 2018 से नौ जून 2018 कुल 15 दिन निर्धारित की है। उत्तराखण्ड आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के द्वारा प्रथम एवं तृतीय सेमस्टर की परीक्षाओं की अवधि 15 नवम्बर से 15 दिसंबर, द्वितीय एवं चतुर्थ समेस्टर की अवधि 15 मई से 15 जून तक निर्धारित की गयी है। एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय ने प्रथम और तृतीय की समयावधि 20 जुलाई 2017 से 20 दिसम्बर 2017 एवं द्वितीय एवं चतुर्थ समेस्टर 16 जनवरी 2018 से 31 मई 2018 निर्धारित की है।
डॉ. रावत ने कहा कि विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में स्वच्छ एवं गरिमापूर्ण शैक्षिक वातावरण के निर्माण के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। इसिलए सभी संस्थान सख्ती से इसका पालन सुनिश्चित करें।