लाईसेंस के साथ अंगदान का भी भरना पडेगा फार्म

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हल्द्वानी,  अंगदान को बढ़ावा देने के लिए परिवहन विभाग नई पहल करने जा रहा है। इसके तहत ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते वक्त अंगदान के इच्छुक लोगों से एक फॉर्म भरवाया जाएगा और उनके लाइसेंस कार्ड पर लिखा होगा कि ‘मैं अंगदाता हूं’। ऐसा लिखे जाने से दुर्घटना की स्थिति में आसानी से और समय रहते उसका अंगदान करवाया जा सकेगा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने लाइसेंस के फॉर्म की नई व्यवस्था लागू करने के लिए दो माह पहले एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके अनुसार देशभर में अब लाइसेंस के लिए आवेदन करने के दौरान आवेदक से अंग और ऊतक दान के लिए घोषणा पत्र भरवाकर सहमति ली जाएगी। हालांकि इसके लिए जो राजी नहीं होंगे, उनके लिए ‘नहीं’ का विकल्प भी रहेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार मुख्य क्रियाशील अंग के खराब होने से भारत में हर साल पांच लाख ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। देश में किडनी की औसतन वार्षिक मांग दो लाख है, जबकि उपलब्धता छह हजार की ही है। दिल की मांग 50 हजार के सापेक्ष 15 हजार ही उपलब्ध है। ऐसे में परिवहन से जुड़े अफसरों का मानना है कि नए नियम से सहमति जताने के बाद उन लोगों से अंग लेने में आसानी होगी, जिनकी दुर्घटना में मौत हो जाती है। हालांकि लाइसेंस के नए प्रारूप को लेकर फाइनल नोटिफिकेशन जारी होना बाकी है।

जबकि मध्य प्रदेश के इंदौर समेत कुछ अन्य संभाग में एक जनवरी से इस पर काम शुरू होने जा रहा है। इंदौर एआरटीओ अर्चना मिश्रा के मुताबिक व्यक्ति को बताना होगा कि वह पूरी देहदान (शिक्षा या अनुसंधान कार्य के लिए) करना चाहता है या फिर कुछ अंगदान। जिसमें आंखें, दिल, गुर्दे, लिवर, हड्डियां या और कोई अंग जो मृत्यु के समय दिया जाना संभव हो। कुमाऊं के संभागीय परिवहन अधिकारी राजीव मेहरा का कहना है कि यह प्रावधान हो तो गया है, लेकिन अभी तक हमारे पास शासनादेश नहीं पहुंचा है। यह पहल सराहनीय है। इससे लोगों में देहदान की प्रवृत्ति बढ़ेगी और जरूरतमंदों को फायदा होगा।