राज्य सरकार उत्तराखंड मोटर वाहन विनियम में बदलाव कर सकती है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्राइवेट और कर्मशियल कामों के लिए इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों में डस्टबिन हो। आपको बतादें कि यह पहल राज्य सरकार के वेस्ट मैनेजमेंट ड्राइव के अंतर्गत होगी।
मुख्यमंत्री टीएस रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि चार पहिया गाड़ियों में कूड़ेदान रखना अनिवार्य है।आपको बतादें कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पहले इसी तरह के निर्देश जारी किए थे लेकिन यह कभी लागू नहीं किया गया।
हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि वह गाड़ियों में डस्टबिन फिट करवाने के लिए उत्सुक हैं, जिसके लिए मोटर वेहिकल नियमों में संशोधन की संभावना है। राज्य परिवहन सचिव डी.सेंथिल पांडियन, ने कहा कि “पहले हम लोगों को इसे स्वेच्छा से करने के लिए कहेंगे। इसके लिए, हम कार और अन्य वाहन डीलरों के साथ भी बात करेंगे।”
उन्होंने बताया कि, “नए (वाहन) पंजीकरण में डस्टबिन लगाए बिना गाड़ियों को रजिस्टर नहीं किया जाएगा,जिसके लिए हम राज्य के नियमों में संशोधन करने की सोच रहे हैं।”उन्होंने कहा कि, “परिवहन विभाग पहले अपनी बसों में कूड़ेदान स्थापित करना शुरू करेगा। उत्तराखंड में लगभग 60% परिवहन सार्वजनिक है।”
कूड़ेदान की स्थापना चरणों में की जाएगी और पहले चरण में, इंट्रा-स्टेट, इंटर स्टेट और सिटी बसों को कूड़ेदान फिट किया जाएगा। दूसरे चरण में, प्राइवेट कर्मशियल गाड़ियों जैसे कैब और बसों में कूड़ेदान फिट किया जाएगा और आगे हम प्राइवेट वाहनों में भी इस ड्राइव को बढ़ावा देंगे।
जहां एक तरफ, सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है; वहीं दूसरी तरफ वेस्ट मैनेजमेंट अभी भी दूर का सपना है। राज्य के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यह सुनिश्चित करें कि कचरा संग्रह केन्द्रों की स्थापना की जाए ताकि डोर-टू-डोर कचरे को उठाया जाए और कचरे को अलग किया जा सके जिसमें से नॉन-बायोडिग्रेडेबल कचरे का रिसाइकिल किया जा सके।
देहरादून रेजिडेंट वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष महेश भंडारी ने कहा कि, “समस्या सफाई की नहीं लेकिन बड़ी समस्या सेंसीटाइजेशन यानि की संवेदीकरण की है। शहर में जगह-जगह कचरे के डिब्बे के बावजूद, लोग अभी भी खुले प्लॉट में और सड़क के किनारे पर कचरा फेंक देते हैं। यह रोके जाने की जरूरत है।”
उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों को डस्टबिन के अलावा कूड़ा फेकते हुआ पाया जाए उनपर फाईन लगना चाहिए और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। “जब तक लोग अपने इलाकों को प्रदूषित करने के लिए भुगतान नहीं करते, तब तक वेस्ट मैनेजमेंट एक दूर का सपना होगा।”