शिशु गृह में पढ़ाई व सफाई व्यवस्था चौपट

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    देहरादून। शासन भले ही शिशु निकेतन को हर साल करीब 45 लाख रुपये का बजट बच्चों पर खर्च करने के लिए दे रहा हो, लेकिन उसका निकेतन में सुचारू इस्तेमाल देखने को नहीं मिला। आलम ये है कि शिशु गृह में बच्चों की सफाई व्यवस्था से लेकर शिक्षा व्यवस्था तक चौपट पड़ी है। पांचवी कक्षा में पढऩे वाला बच्चा कक्षा एक के सवाल भी हल नहीं कर पा रहा है और बच्चों के खेलने के लिए बनाया गया पार्क खंडहर में तब्दील हो चुका है। स्टॉफ ने बच्चों को शिशु गृह के कमरों में ही बंद कर जेल की तरह रखा हुआ है। मंगलवार को समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य शिशु निकेतन में निरीक्षण करने पहुंचे तो इसका खुलासा हुआ। इस दौरान उन्होंने शिशु गृह के स्टॉफ जमकर फटकार भी लगाई।

    निरीक्षण के दौरान मंत्री ने बच्चों से पढ़ाई से संबंधित सवाल पूछे तो बच्चे बगले झांकने लगे। कापियां चैक की तो उसमें कुछ लिखा ही नहीं था और सर्दी के मौसम में बच्चों को सिर्फ एक चादर पर बैठा दिया गया। पढ़ाई की स्थिति को देखकर मंत्री ने शिक्षिका के बारे में पूछा तो पता चला कि फिलहाल वहां शिक्षिका है ही नहीं। जिस पर मंत्री ने नाराजगी जाहिर की।
    खंडहर बना बच्चों के खेलने का पार्क
    मंत्री जी ने बच्चों के खेलने के लिए बनाए गए पार्क को देखा तो भड़क ही उठे। पार्क खंडहर में तब्दील हो चुका है, बड़ी-बड़ी घास व झाडिय़ां पार्क में पैर पसार गई। इस पर भी मंत्री जी ने स्टॉफ को जमकर फटकारा और तुरंत पार्क की हालत को ठीक करने के निर्देश दिए।
    पीडि़त लड़की से की बात
    इसके बाद उन्होंने गर्म पानी से घायल हुई पीडि़त लड़की मौली से बात की, इस पर लड़की सिर्फ यही बता पाई कि किसी ने उसके ऊपर गर्म पानी डाला है। इसके बाद मंत्री जी ने इस संबंध में स्टॉफ से सवाल पूछे, लेकिन किसी कर्मचारी ने उनके पास कुछ भी जानकारी होने से इन्कार कर दिया। इस पर मंत्री जी ने बोल ही दिया कि ‘स्टॉफ चीजों को छिपाने की कोशिश कर रहा है और बच्ची को समय से उपचार नहीं मिला, यहां तक कि घटना के कई दिन बाद भी स्टॉफ ने लड़की की सुध नहीं ली।
    न लाइब्रेरी में पढऩे की किताबें
    शिशु गृह में निरीक्षण के बाद समाज कल्याण मंत्री बालिका निकेतन पहुंचे। यहां बालिकाओं से पढ़ाई के बारे में पूछा तो कोई सटीक जवाब नहीं मिला। कर्मचारियों से पूछताछ की तो पता चला कि बालिकाओं की पढ़ाई करने के लिए न यहां किताबें उपलब्ध हैं और न लाइब्रेरी बनाई गई।
    एक घंटे में बदल दी चादरें
    मंत्री के निरीक्षण की सूचना मिलते ही शिशु व बालिका निकेतन के स्टॉफ ने एक घंटे के भीतर जहां पूरे परिसर को साफ कर दिया। पुराने बिस्तर हटाकर नए रखे दिए गए। कमरों को व्यवस्थित कर दिया। पुराने बर्तन हटाकर नए रखे दिए, नया आरओ लगा दिया। बच्चों के बैठने के लिए नई चादर लगा दी गई और इसके अलावा अन्य व्यवस्थाओं को चाक चौबंद कर दिया गया।
    किसी को बख्शा नहीं जाएगा
    निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बातचीत में समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि शिशु व बालिका निकेतन में बहुत सारी अव्यवस्थाएं हैं। लड़की के साथ जो घटना हुई, उसमें दोषी को सिर्फ हटाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यहां व्याप्त तमाम खामियों को लेकर सचिव के साथ बैठक बुलाई जा रही है। जिसके बाद सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाएगा।