डीएवी पीजी कॉलेज, देहरादून में इलेक्शन फीवर छात्रों के सर चढक़र बोल रहा है। लेकिन प्रथम सेमेस्टर के छात्रों के लिए इलेक्शन सरदर्द बना हुआ है। कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया और चुनावी का प्रचार दोनों एकसाथ चल रहें हैं। दावेदारों और समर्थक वोटरों को पकड़-पकड़ कर प्रचार में जुटे हैं। ऐसे में दाखिले पाने आए छात्रों के लिए दाखिले की टेंशन से ज्यादा उनकी वोट मुसीबत बन रही है।
हाईकोर्ट के अनुमन्य सीटों और मेरिट से दाखिला करने के फैसले के बाद कॉलेजों में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसी कारण जहां कॉलेज को लिंगदोह समिति कि सिफारिशों के मुताबिक छह से आठ हफ्तों के अंदर इलेक्शन संपन्न कराने हैं। डीएवी पीजी कॉलेज की बात करें तोे इलेक्शन 25 अगस्त को होना है। लेकिन, अभी तक दाखिले प्रक्रिया खत्म नहीं हुई है। ऐसे में दाखिले और इलेक्शन प्रक्रिया के बीच नए छात्रों को चुनाव में उतर रहे दावेदारों को भी जानने का मौका नहीं मिलेगा। जिसके चलते नए छात्रों को अपना नेता बिना जाने ही चुनना होगा।
हर साल बड़ी मात्रा में प्रथम सेमेस्टर में दाखिला लेकर छात्र कॉलेज का हिस्स बनते हैं। ऐसे में यह संख्या वोट बैंक के मामले में काफी अहमियत रखती है। चुनावी प्रत्याशी इसी मकसद से नए छात्रों को घेरने में लगे हैं। लेकिन इन सब के बीच दाखिले के लिए आए छात्र काफी परेशान हैं।
बीए में दाखिले के लिए आई सुहानी और मीनल ने बताया कि कॉलेज में दाखिले के लिए कहां संपर्क करना है इसकी जानकारी कहीं नहीं है। लेकिन, चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों के बैनरों से कॉलेज पटा पड़ा है। इस बीच वोट मांगने के लिए सपोर्टर्स आते रहे। काम करें या उनकी सुनें। थोड़ी समस्या होगी है। दाखिले की प्रक्रिया पूरी करने में दर्जन भर समर्थक मदद के लिए आते हैं, लेकिन जिन्हें जानते ही नहीं उन पर कैसे विश्वास करें। लेकिन यह सब सीनियर हैं आगे कई साल कॉलेज मे ही बिताने हैं। इतना जरूर है कि फिलहाल हमारी वोट ही हमारी मुश्किलें बढ़ा रही है।