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पीठासीन अधिकारी समेत पांच को भेजा नोटिस

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विधानसभा निर्वाचन के लिए तैनात पीठासीन अधिकारी समेत पांच प्रथम, द्वितीय व तृतीय मतदान अधिकारियों की ओर निर्वाचन ड्यूटी से नदारद रहना भारी पड़ गया। मुख्य विकास अधिकारी व नोडल अधिकारी कार्मिक विजय कुमार जोगदंडे ने नोटिस जारी किया है। 48 घंटे तक कार्मिकों की ओर से स्पष्टीकरण नहीं देने पर सीडीओ ने प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है। आपको बताते चलें कि विधानसभा सामान्य निर्वाचन के लिए जिले में चुनाव को निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न करने के लिए छह हजार से अधिक कार्मिकों को तैनात किया गया है। सीडीओ ने बताया कि पीठासीन अधिकारी अजीत सिंह, ऋषिबल्लभ कोटनाला व जगदीश कुमार ने प्रथम प्रशिक्षण में प्रतिभाग नहीं किया। जबकि मतदान अधिकारी महिदेव सिंह रावत ने प्रथम व मतदान अधिकारी संजय कुमार ने द्वितीय तैनाती के आदेश प्राप्त नहीं किये। उन्होंने बताया कि जिला निर्वाचन की ओर से जनवरी माह के अंतिम पखवाड़े में आयोजित प्रशिक्षणों में इन कार्मिकों की ओर से प्रतिभाग नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि कोट ब्लाक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय घड़ी में तैनात प्राथमिक अध्यापक संजय कुमार विद्यालय से भी लगातार अनुपस्थित हैं। सीडीओ ने अगले 48 घंटे तक इन कार्मिकों का स्पष्टीकरण तलब करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने को कहा है।

बकाया धन न मिलने का कारण बतायें वित्त मंत्री: कांग्रेस

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मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने शनिवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली को उनका पुराना वादा याद दिलाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को राज्य की विभिन्न योजनाओं का बकाया धन प्राप्त न होने पर राज्य की जनता को इस सम्बन्ध में बताया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के कई बार के आग्रह के बावजूद भी अब तक भी राज्य के साथ न्याय क्यों नहीं हो पाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्रों की छायाप्रति भी अपनी वार्ता में मीडिया को जारी की है, जिसमें आपदा के मद में विभिन्न बकाया धनराशि का विवरण भी दिया गया है।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कैबिनेट कमेटी ने यूपीए के शासन में लगभग 8 हजार करोड़ रुपया राज्य के लिए स्वीकृत किया गया था, जिनमें विभिन्न मदों में अभी भी लगभग 5 हजार करोड़ रुपया बकाया चला आ रहा है। श्री कुमार ने यह भी कहा कि पेयजल के लिए लगभग 17959 करोड़ की पेयजल योजनाओं पर भी अभी तक केन्द्र ने कोई कदम नहीं उठाया है| नमामि गंगा की भेजी गई लगभग 707 करोड़ की परियोजनाओं पर भी अभी तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है| 352 आपदा प्रभावित गांवों के पुनर्वास व विस्थापन के लिए लगभग 13 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाएं भेजी गई थीं परन्तु उन पर भी अभी तक कुछ नहीं हो पाया है।
केदारनाथ त्रासदी के बाद एसडीआरएफ की बटालियन व उसको मजबूत बनाने के लिए 170 करोड़ रुपये की मांग भी बिना सुनवाई के पड़ी है| समाज कल्याण, शिक्षा, अनु जनजाति, अनु जाति व ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति का करोड़ों रुपया बकाया चला आ रहा है| देश को लगभग 40 चालीस हजार करोड़ की ईको सर्विस की एवज में ग्रीन बोनस की मांग पर भी अभी कोई समुचित कार्यवाही नहीं हो पाई है। हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट्स सहित राज्य के साथ ईको सेंसिटिब्स जोन व वाइल्डलाइफ से जुड़ी कई योजनाओं पर लगाए गए बन्धनों से मुक्ति के साथ-साथ कोई विकल्प देने में केन्द्र सरकार क्यों असमर्थ है| लगभग 19 रेल परियोजनाओं पर कोई सकरात्मक पहल केन्द्र सरकार ने नहीं की है।
उन्होंने यह याद दिलाया कि राज्य गठन के समय पांच हजार करोड़ रुपयों का कर्ज व 11वें वित्त आयोग से मिलने वाले पांच हजार करोड़ रुपये से भी केंद्र सरकार ने हमें वंचित किया है।

गुलदार की खाल के साथ दो गिरफ्तार

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विधानसभा चुनाव के चलते चेकिंग के दौरान डालनवाला क्षेत्र से एसटीएफ ने दो तस्करों को दबोच लिया। उनके पास से गुलदार की दो खालें बरामद की गई हैं। दोनों तस्कर गुलदार की खाल को नेपाल भेजने की फिराक में थे। एसएसपी एसटीएफ पी रेणुका देवी ने बताया कि पकड़े गए तस्करों के गिरोह और उनसे जुड़े अन्य सदस्यों के बारे में पता लगाया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि यह खालें गढ़वाल के किसी पर्वतीय क्षेत्र से लाई गई थीं।
एसटीएफ ने बताया कि बीते दिनों सूचना मिली थी कि गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों से दून के रास्ते नेपाल में गुलदार की खालों की तस्करी की जा रही है। इसके बाद तस्करों की धरपकड़ के लिए सात सदस्यीय टीम गठित की गई। टीम ने शनिवार को डालनवाला क्षेत्र के एक मकान से गुलदार की दो खालों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया। उनकी पहचान विवेक परमार पुत्र पृथ्वी राज सिंह निवासी ओल्ड सर्वे रोड दिलाराम बाजार व सुधीर मल्होत्रा पुत्र स्व. विशेश्वर मल्होत्रा निवासी लीजेंट वैली राजपुर निकट साई मंदिर के रूप में हुई।

बीजेपी ने जारी किया वादों से भरा चुनावी घोषणा पत्र

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शनिवार को देहरादून में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भाजपा का विजन डाक्यूमेंट लांच किया।इस मौके पर दृष्टि पत्र 2017 समिति के अध्यक्ष बच्ची सिंह रावत,चुनाव प्रभारी जेपी नड्डा,अजय टम्टा,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट,श्याम जाजू,भगत सिंह कोश्यारी,बीसी खंडूड़ी और रानी राज्यलक्ष्मी शाह भी उपस्थित रहे।

मैनिफेस्टों के मुख्य बिंदु

राजधानी

गैरसैंण को राजधानी स्तर की अवस्थापना सुविधाओं से सुसज्जित कर सबकी सहमति से ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर विचार किया जाएगा। स्थाई राजधानी हेतु विभिन्न विकल्पों पर शीर्ष निर्वाचित संस्था, विधानसभा में विचार किया जाएगा।

शिक्षाः

  • गरीब मेधावि छात्र-छात्राओं को निःषुल्क लैपटाप/ स्र्माट फोन वितरित किए जाएंगें।
  • आथिर्क रूप से कमज़ोर वर्ग की छात्राओं को स्नातकात्तोर (पीजी)तक की निःशुल्क शिक्षा।
  • सभी विश्वविद्यालयों में मुफ्त वाई-फाई की सुविधा
  • विद्यालयों में भवन, शौचालय, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, पेयजल आदि सुविधाओं के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे।
  • संस्कृत, वास्तु शास्त्र, ज्योतिश व कर्मकांड के अध्ययन व शोध को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • प्रत्येक जनपद में छात्राओं के लिए आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे।

स्वास्थ्यः

  • टेली-मेडिसन की व्यवस्था प्रारम्भ की जाएगी।
  • प्रदेश में वर्तमान में संचालित मेडिकल कालेजों को सुविधा संपन्न बनाने के साथ-साथ नए मेडिकल कालेज खोलने के लिए प्रयास किये जाएगें।
  • बी.पी.एल. व आयकर के दायरे में न आने वाले परिवारों को स्वास्थ्य कल्याण कार्ड दिया जाएगा।
  • पर्वतीय क्षेत्रों में लगातार होने वाली दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए गढ़वाल और कुमाऊँ में ट्रामा सेन्टर खोले जाएंगें।
  • निर्धन वर्ग की प्रसूता महिलाओं के लिए विषेश पोशाहार के तहत प्रति महिला 10,000 की व्यवस्था की जाएगी।

पर्यटनः

  • वीर चंन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा।
  • पर्यटन सर्किट के साथ-साथ प्राकृतिक उपजों व स्थानीय कौशल पर आधारित हस्त शिल्प की ओर पर्यटकों को आकर्शित किया जाएगा।
  • नदियो झीलों व बाधों में जल क्रीडा़ व नौकायन प्रारम्भ कर पयर्टकों को आर्कषित किया जाएगा।
  • इको टूरिज्म, कार्बेट सर्किट, कुमाऊँ हेरिटेज, जन जातिय संस्कृति पर आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएगें।
  • तीथसर्थलों के विकास के साथ तीर्थ यात्रियों की सरुक्षा व सिवधा का पुरा ध्यान रखा जएगा।
  • प्राचीन मंदिरों व देवालयों के रख-रखाव व जीर्णोद्धार के लिए ठोस पहल की जाएगी।
  • उत्तराखंड की लोक संस्कृति, गायन शैली, नृत्य, वाद्य यंत्रों के संरक्षण-सवंर्धन के
  • साथ-साथ लोक कलाकारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

कृषिः

  • बंजर भूमि विकास हेतु विशेष कार्य योजना बनाई जाएगी।
  • कृषि उत्पादन मंडियों का विस्तार व आधुनिकीकरण किया जाएगा।
  • जैविक खेती, जडी़-बूटी व फूलों की खेती के लिए क्लस्टर बनाकर विशेष सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर
  • प्रदेश में कृषि उत्पादों के विपणन और कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था
  • वर्षा जल संग्रहण को प्रोत्साहन
  • वनाग्नि को रोकने आरै वन सरंक्षण में स्थानीय समदुाय की भागीदारी सुनिश्चित करना
  • लघु एवं सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ
  • लघु एवं सीमांत किसानों को ब्याज मुक्त फसली ऋण देना
  • गन्ना किसानों को फसल बेचने के 15 दिनों के भीतर पूरा भुगतान सुनिष्चित करना
  • कृषि उत्पादों की खरीद की गारंटी दी जाएगी। किसानों की आय दोगुना करने के उपाय

बुनियादी जरुरतेः

  • आबादी व अधिक यातायात वाले क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम समस्या के निदान हेतु ऊपरी पुल, पैदल यात्री पुलों, भूमिगत परिपथों, आदि का निर्माण
  • जौलीग्रांट, पंतनगर, नैनीसैंण व गोचर हवाई अड्डों की सुविधाओं में विस्तार कर नई हवाई सेवायें शुरू करने के लिए प्रयास किये जाएंगें।
  • देहरादून-पंतनगर व पंतनगर-दिल्ली के लिए नियमित हवाई सेवा के लिए ठोस पहल
  • पर्यटन, तीर्थाटन व आपदा के दृश्टिगत अधिक से अधिक हैलीपैडों का निर्माण
  • प्रदेश में नई रेल लाइनों के निर्माण व विस्तारीकरण के लिए केन्द्र सरकार से स्वीकृति के लिए प्रयास
  • आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों को रियायती दरों पर बिजली उपलब्धता
  • परंपरागत जल स्रोतों, नौले-धारों के संरक्षण हेतु प्रभावी कदम उठाए जाएंगे
  • बदं पड़ी विद्यतु परियाजेनाओं को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करने के प्रयास
  • केन्द्र सरकार की तर्ज पर राज्य में भी सड़क निर्माण कार्यो को गति
  • 2019 तक सभी गांवों को सड़क

र्स्पोटसः

  • युवाओं को उच्च षिक्षा हेतु ब्याज रहित ऋण की सुविधा
  • सामान्य वर्ग के निर्धन छात्रों को उच्च षिक्षा हेतु छात्रवृति की सुविधा
  • प्रतियोगी परीक्षाओं में साक्षात्कार में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को प्रदेश के भीतर व दिल्ली तक निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई जएगी।
  • युवाओं को स्वरोजगार हेतु कम ब्याज पर ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • जल क्रीड़ा व शीतकालीन खेलों का वार्षिक कैलैंडर तैयार किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय, एशियाई व आलेम्पिक खेलों में भाग लेने वाले खिलाडियों को सुविधाएं राष्ट्रीय स्तर के सुविधायुक्त स्टेडियम व मिनी स्टेडियमों की स्थापना
  • प्रदेश में आधुनिक कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना और लाखों युवाओं को स्किल इंडिया मिशन से जोड़ना

महिलाः

  • महिलाओं के लिए स्वरोजगार व उनके सामाजिक हितों के दृष्टिगत 20 करोड़ की धनराशी से सामाजिक सुरक्षा कोश का गठन किया जाएगा।
  • महिलाओं के विरूद्ध अपराधों पर रोकथाम के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना घरेलू हिंसा व महिला उत्पीड़न रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाएंगे।
  • शहरी झुग्गी-झोपडी में रहने वाली महिलाओं के लिए पर्याप्त मात्रा में सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण
  • देहरादून और हल्द्वानी में काम-काजी महिलाओं के लिए हास्टल का निर्माण

व्यापारः

  • प्रदेश में विनिवेश का वातावरण तैयार करने के लिए राष्ट्रीय व अंर्तराष्ट्रीय विनिवेश मेलों का आयोजन
  • खनन पर एकाधिकार समाप्त कर नीति बनाना
  • प्रदेश में व्यपारियों के लिए ‘‘व्यापार कल्याण बोर्ड’ ’ का गठन

भ्रष्टाचारः

  • लोकायुक्त कानून को प्रभावी तरीके से लागू कर 100 दिन के भीतर लोकायुक्त की नियुक्ति
  • ई-गवर्नेस लागू कर सरकार के स्वरूप में मनमानी को न्यूतम किया जायेगा।
  • सेवा का अधिकार अधिनियम को कड़ाई से लागू करना
  • प्रदेश में टेंडर व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए ई-टेंडरिंग की प्रणाली अपनाई जाएगी
  • पुलिस बल की क्षमता बढाने के लिए उन्हें अनुसंधान, अपराध नियंत्रण, आधुनिक हथियारों का उपयोग, साइबर अपराध आदि के निरंतर प्रशिक्षण की व्यवस्था
  • पुलिस का आधुनिकीकरण और आधुनिक तकनीक से लैस किया जायेगा।
  • भ्रष्टाचार राकेने के लिए ‘‘एंटीकरप्शन सैल’’ का गठन

 

 

 

 

कैप्टन कूल धोनी परिवार सहित पहुंचे मसूरी

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टीम इंडिया के सुपरस्टार क्रिकेटर और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी परिवार संग मसूरी पहुंचे। हमारे मसूरी संवाददाता ने बताया कि वह अपनी बेटी का जन्मदिन मनाने मसूरी आए हैं। जानकारी के अनुसार महेंद्र सिंह धोनी दोपहर तीन बजे मसूरी पहुंचे। हालांकि एक दिन पहले ही उनकी पत्नी साक्षी और बेटी मसूरी पहुंच गए थे। वह एक दिन बाद पहुंचे हैं। धोनी लालटिब्बा में संजय नारंग के डहलिया बैंक में परिवार एवं लोगों की पार्टी में शामिल हुए।
लंच करने के बाद धोनी परिवार के साथ होटल रोकबी मैनर चले गए। धोनी अपनी बेटी की बर्थडे पार्टी में शामिल होने मसूरी पहुंचे। हालांकि धोनी एंड फैमिली ने अभी तक मीडिया से दूरी बनाई है। 
धोनी की पत्नी साक्षी रावत और धोनी दोनों ही उत्तराखंड से जुड़े हैं।महेंद्र सिंह धोनी की शादी भी देहरादून में हुई थी और धोनी को पहाड़ों से काफी लगाव भी है।

मसूरी आईटीबीपी से पास आउट हुए 34 सहायक सेनानी

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शनिवार को भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी मसूरी में शानदार पासिंग आउट परेड आयोजित की गई।परेड की सलामी आईटीबीपी के रिटायर्ड डीजी आर के भाटिया और अकादमी के निदेशक एस एस मिश्रा ने ली, 52 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के बाद 34 सहायक सेनानी आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हो गये हैं।
आईटीबीपी अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड का निरीक्षण कर आईटबीपी के नये सैन्य अधिकारियों ने देश रक्षा की शपथ ली,साथ ही शानदार परेड का भी आयोजन किया गया।आईटीबीपी के पाइप बैंड की टीम ने शानदार प्रस्तुति देकर लोगो को मंत्र मुग्ध कर दिया।इस मौके पर उत्कृष्ठ प्रशिक्षणार्थियों को पुरुस्कृत किया गया इस मौके पर कराटे टीम ने कई हैरतअंगेज प्रदर्शन भी किये।नये सैन्य अधिकारियों ने कहा कि एक सपना था जो आज पुरा हुआ है।
अकादमी के निदेशक एस एस मिश्रा ने कहा कि आज नये अधिकारियों के लिए बङा दिन आज सभी लोग आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हुए है।सभी अधिकारियों को आधुनिक तौर तरीके का प्रशिक्षण दिया गया है।
देश के करीब 10 राज्यों के 34 नये सैन्य अधिकारी आईटीबीपी की मुख्यधारा में शामिल हो गये है।सभी नये सैन्य् अधिकारियों ने देश रक्षा का संकल्प लेते हुए शपथ ली है कि मां भारती पर कभी आँच नही आने देगें।

विश्व कैंसर दिवस पर मैक्स ने लांच किया ‘वी कैन, आई कैन’ जागरुकता कार्यक्रम

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मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून ने विश्व कैंसर दिवस के मौके पर रोग के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए एक प्रेस सम्मेलन का आयोजन किया। विश्व कैंसर दिवस 2016-18 की आधिकारिक थीम ‘वी कैन, आई कैन’ के तहत कार्यक्रम में इस बात पर चर्चा की गई कि कैसे हर व्यक्ति दुनिया में कैंसर के बढ़ते बोझ को कम करने में अपना योगदान दे सकता है। इस मौके पर शिरकत करने वाले अन्य डाक्टरों में शामिल थे- डा आकाश नारायण, गैंद, कन्सलटेन्ट-सर्जिकल ओंकोलोजी, डा विमल पंडिता, कन्सलटेन्ट-मेडिकल ओंकोलोजी, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून तथा डा संदीप सिंह तंवर, जनरल मैनेजर- आपरेशन्स, मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून।

इस मौके पर मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल में कन्सलटेन्ट-सर्जिकल ओंकोलोजी डा आकाश नारायण गैंद ने कहा, ‘‘कैंसर के तेज़ी से बढ़ते मामले इसके कारणों और लक्षणों के बारे में जागरुकता नहीं होने का परिणाम हैं, जिसके चलते रोग के निदान और इलाज में देरी होती है। अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीकों के चलते कैंसर के तकरीबन 75-80 फीसदी मामलों का उपचार सम्भव है। मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून उत्तराखण्ड का एकमात्र केन्द्र है जहां कैंसर से सम्बन्धित मुश्किल इलाज भी सफलतापूर्वक की जा रही हैं जैसे काम्पलेक्स हैड एण्ड नैक कैंन्सर (सिर एवं गले का कैंसर), स्तन कैंसर, गैस्ट्रो-इन्टेस्टाईनल कैंसर एवं गाइनी (जननांगों का कैंसर) कैंसर के लिए माइक्रो-वैस्कुलर रीकन्सट्रक्शन।’’ मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून में कन्सलटेन्ट-मेडिकल ओंकोलोजी डा विमल पंडिता ने कहा, ‘‘चूंकि कैंसर के लिए विशिष्टीकृत केन्द्र देश के कुछ चुनिंदा शहरों में ही उपलब्ध हैं, कैंसर स्पेशलटीज़ और तकनीकी क्लिनिकल स्टाफ की बात करें तो कुशल मैनपावर और टेकनोलोजी की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है। एक अनुमान के अनुसार देश में 2021 तक डाक्टर मरीज़ अनुपात 1:1000    होगा जो वर्तमान में 1:2000 है।’

उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘‘मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल का मेडिकल ओंकोलोजी एवं हिमेटोलोजी विभाग अत्याधुनिक टेकनोलोजी से युक्त है जैसे कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी, एंटीबाॅडीज़, सपोर्टिव एवं पैलिएटिव केयर आदि। एक टर्शरी केयर अस्पताल होने के नाते हम कैंसर मरीज़ों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक चिकित्सकीय समाधान उपलब्ध कराते हैं। विभाग में हर माह 150 से ज़्यादा कीमोथेरेपी सत्र होते हैं। हम हर साल कैंसर के लगभग 600 नए मरीजों को उपचार उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा विभाग बोन मैरो ट्रांसप्लान्ट सुविधा शुरू करने की योजना भी बना रहा है- जो उत्तराखण्ड राज्य में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी।’’

ओंकोलोजिस्ट एवं यूरो-ओंकोलोजिस्ट सर्जनों की मदद से एक व्यापक कैंसर क्लिनिक भी शुरू करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है कि मैक्स इण्डिया फाउन्डेशन और हंस फाउन्डेशन ने कैंसर पीड़ित 30 बच्चों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने के लिए आपस में हाथ मिलाए हैं। मैक्स इण्डिया फाउन्डेशन – मैक्स सुपर स्पेशलटी अस्पताल, देहरादून की शुरूआत से ही गरीब बच्चों को उपचार एवं सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। परियोजना का लांन्च 1 फरवरी को किया गया और यह 30 सितम्बर 2017 तक प्रभावी रहेगी। यह साझेदारी 0-20 आयुवर्ग के कई बच्चों और युवाओं की कीमती ज़िन्दगियां बचाएगी तथा रोग का बोझ कम करके देश की उत्पादकता बढ़ाने में योगदान देगी। हमें उम्मीद है कि हमारी यह पहल अन्य संगठनों को भी आगे आने तथा इस जानलेवा बीमारी के खिलाफ़ संघर्ष में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।’’ भारत में, जहां कैंसर हर साल 5 लाख लोगों की जान ले लेता है, 30 लाख से ज़्यादा लोग कैंसर से पीड़ित हैं, जिनमें से 11 लाख नए मामले हैं। स्तन और सरवाइकल कैंसर महिलाओं में कैंसर के सबसे आम प्रकार हैं, वहीं फेफड़ों और प्रोस्टेट का कैंसर पुरुषों में आम है। तम्बाकू चबाने की आदत के चलते देश को मुख कैंसर की दृष्टि से दुनिया का राजधानी का खिताब भी मिल गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में कैंसर के 65 फीसदी से ज़्यादा मामलों का कारण तम्बाकू ही है। अकेला तम्बाकू हर साल कैंसर के 1.5 लाख मामलों, 4.2 मिलियन हृदय रोंगों और 3.7 मिलियन फेफड़ों के रोगों का कारण बनता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार देश में कैंसर के 70 फीसदी मामलों का निदान देरी से होता है, जबकि 60 फीसदी मरीज़ों को गुणवत्तापूर्ण उपचार नहीं मिल पाता।

मैक्स अस्पताल में विकसित विज्ञान संस्थान है जिसका संचालन डा.ए.के सिंह के नेतृत्व में किया जाता है। यह क्षेत्र का एकमात्र अस्पताल है जहां प्रशिक्षित विशेषज्ञ चैबीसों घण्टे उत्कृष्ट सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। अस्पताल न केवल देहरादून बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के निवासियों की उपचार सम्बन्धी आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।

विधानसभा चुनाव होगा पैरा मिलिट्री की निगरानी में

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उत्तराखंड राज्य का राजधानी देहरादून को इस बार चुनावी निगरानी के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स का साथ मिलेगा।विधानसभा चुनाव 2017 में देहरादून जिले को संवेदनशील श्रेणी में रखते हुए राजधानी को 17 कंपनियां मिली है।पहले चरण में मिली चार टुकडिंयों में से दो टुकड़िया शहर में रहेंगी और एक एक टुकड़ी विकास नगर और ऋषिकेष में कैंप करेंगी।

राज्य में होने वाले चुनाव की गर्माहट को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार चुनाव में 100 पैरा मिलिट्री कंपनी का जत्था प्रदेश के लिए उपलब्ध कराया है,जो 2012 के चुनाव से तीस कंपनी ज्यादा है।देहरादून के हिस्से में आई सुरक्षा बलों की चार कंपनियों में से दो विकासनगर और ऋषिकेश में कैंप करेगी और दो कंपनी शहर के महाराणा प्रताप स्पोर्टस स्टेडियम में कैंप करेंगी।12 और 13 फरवरी से यह कंपनियां जिले में उपलब्ध हो जाएंगी।गढ़वाल जिले के पुलिस उप महानिरिक्षक पुष्पक ज्योति ने बताया कि चुनाव के लिए सात जिलों में 17 कंपनी मिली है जिसमें से देहरादून और हरिद्वार को चार-चार,उत्तरकाशी,टिहरी,पौड़ी और चमोली को दो दो कंपनी और रुद्रप्रयाग को एक कंपनी दी गई है।

तो यह है उत्तराखंड के करोड़पति,आम आदमी नेता

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2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों में करोड़पति उम्मीदवारों की फ़ेहरिस्त हैं। इन सम्पतियों का पूरा ब्यौरा चुनाव आयोग में उम्मीदवारों द्वारा दाखिल हल्फनामों में हा। लेकिन अपने आपको आम आदमी की तरह पेश करने वाले यह प्रत्याशी करोड़ो के मालिक है।सवाल यह उठता है कि जिनकी सम्पति करोड़ो में हो वह लोग आम आदमी कैसे हो सकते हैं?

हरीश रावत के पास लगभग ₹2.5 करोड़ के आसपास धन दिखाया गया है,उनकी पत्नी के पास भी ₹3 करोड़ के आसपास की सम्पति है और वाहनों में एक मर्सेडीज़ है जिसका मूल्य ₹25 लाख है, फार्च्यूनर मूल्य ₹26 लाख की है। वहीँ सतपाल महाराज के पास ₹3.5 करोड़ और उनकी पत्नी के पास लगभग ₹ 2.7 करोड़ है, इनकी भूमि सम्पति की बात करे तो सतपाल के पास ₹3.7 करोड़ और उनकी पत्नी के पास भी ₹7.6 करोड़ के लगभग सम्पत्ति है।सतपाल की कुल संपत्ति की बात करें तो यह आंकड़ा ₹10 करोड़ से ऊपर ही जा रहा है।

दूसरी तरफ निर्दलीय प्रत्यशी रजनी रावत भी किसी करोड़पति से कम नहीं है,इनके पास भी ₹ 3.6 करोड़ की संपत्ति ₹22 लाख की ऑडी गाडी,15 लाख मूल्य का सोना, सहस्त्रधारा रोड पर एक फार्म हाउस भी है,जबकि उन्होंने अपना पारंपरिक व्यव्साय बधाइयाँ माँगना दिखाया है।

सवाल यह है कि आखिर इतनी सम्पति इकट्ठी हुई कैसे? जब इन नेताओ ने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया तब इन पर इतनी सम्पति तो नहीं थी नाही इतना बड़ा कारोबार था। अगर कोई आम आदमी राजनीति में आता है तो उसकी सम्पत्ति करोड़ो मे नही हो सकती जब तक उसका कारोबार या प्रोफेशन उस लेवल का न हो लेकिन कुछ सालों बाद उस ही व्यक्ति के पास करोड़ो में सम्पति कैसे एकत्रित हो जाती है।उत्तराखंड की वित्तमंत्री इंदिरा हृदेश के पास ₹1.5 करोड़ व भूमि सम्पति 2.8 करोड़ है। वही हरक सिंह रावत की बात करे तो उन्होंने अपनी सम्पति कुल 1.3 करोड़ तक ही दिखाई है जब की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने अपने पास ₹1.6  करोड़ की सम्पति बतायी है। उधर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने 16 लाख घन व भूमि कुल ₹ 50 लाख के लगभग बताई है।

इतना ही नही कुछ प्रत्यशी तो ऐसे भी हे जिन्होंने अपना चुनावी ख्रर्चें का बिल जनता पर फाड़ा है और चंदा माग कर अपना नामांकन भरा है।

 

देवभूमि में बागी बिगाड़ सकते हैं सत्ता का समीकरण

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देवभूमि उत्तराखंड में सियासी महाभारत धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंच रहा है। सत्ताधारी पार्टी अपनी सत्ता बनाने की गणित में उलझी है तो विपक्षी सत्ता पाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन इन सबसे अलग जिस तरह से दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियों में बगावत का तूफान उठा है और अपनों ने अपनों के ही खिलाफ तलवारें खीचीं हैं उससे दोनों ही पार्टियों के सत्ता समीकरण बिगड़ सकते हैं। हालांकि सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ही अपने अपने बागियों को मनाने में जुटी हुई है लेकिन मतदान की तिथि के मात्र 15 दिन बचे हैं और बागी हथियार डालने को तैयार नहीं हैं। इससे दोनों ही दलों के आलाकमान की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। बगावत के मोर्चे पर दोनों दलों के हालात एक जैसे हैं। बागियों ने भाजपा और कांग्रेस की लीडरशिप के पसीने छुड़ा दिए हैं। दोनों दलों में एक दर्जन से अधिक सीटों पर दावेदार रहे नाराज लोगों ने निर्दलीय ही ताल ठोक कर सीधे-सीधे अपने-अपने आलाकमान को चुनौती दे डाली है। ये बागी मुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के भी चिंता का कारण बने बैठे हैं।
भाजपा में सीएम की रेस में दिख रहे कुछ दावेदार इस बगावत से जहां संकट में आते दिख रहे हैं वहीं कांग्रेस में सीएम हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की सीट पर निर्दलीय बागियों ने ताल ठोक कर जीत और हार के समीकरणों को उलझा दिया है। हालांकि दोनों पार्टियों के आलाकमान और राज्य व चुनाव प्रभारी डैमेज कंट्रोल के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं लेकिन बागियों के तेवरों में कोई नरमी नहीं दिख रही है। इससे परेशान भारतीय जनता पार्टी के राज्य प्रभारी श्याम जाजू के तेंवर काफी कड़े हो रहे हैं। उन्होंने बागियों को प्यार मनुहार के बाद अब कड़ी कार्रवाई का डर दिखाते हुए कहा है कि वे लोग दो दिन में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के पक्ष में काम करें नहीं तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर एक फरवरी तक बागियों ने अपने फैसले नहीं बदले और अपने-अपने नामांकन नहीं वापस लिए तो उनको पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुकाबला केवल कांग्रेस से है।
निर्दलीय प्रत्याशियों से किसी भी सीट पर भाजपा का कोई मुकाबला नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है। पार्टी में स्वार्थी लोगों के लिए कोई जगह नहीं है। टिकट न मिलने पर जो लोग बगावत कर रहे हैं उन्हें पार्टी में वापसी के लिए दो दिन का समय दिया गया है| यदि तय समय में उन्होंने पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार नहीं शुरू किया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा। जिन प्रमुख सीटों पर भाजपा को बगावत का सामना करना पड़ रहा है उसमें सतपाल महाराज की चैबट्टाखाल सीट है जिस पर महाराज को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और निवर्तमान विधायक तीरथ सिंह रावत का टिकट काट कर मैदान में उतारा गया है।
यहां पार्टी तीरथ सिंह रावत को तो मैनेज करने में कामयाब रही है लेकिन एक अन्य भाजपाई कविन्द्र इष्टवाल अपना नामांकन वापस लेने को तैयार नहीं हैं जिससे पार्टी परेशान है। इसी तरह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट भी अपनी रानीखेत सीट पर बगावत की बयार झेलने का मजबूर हैं। उनकी सीट पर पार्टी के बागी प्रमोद नैनवाल खुद और पत्नी हिमानी नैनवाल का भी नामांकन भी करा चुके हैं। भट्ट अभी तक नैनवाल को समझाने में कामयाब नहीं हुए हैं| यह उनकी चिंता का सबब बना हुआ है। हालांकि अमित शाह के करीबी और झारखंड के प्रभारी त्रिवेन्द्र रावत अपनी डोईवाला सीट पर बागियों को मनाने में काफी हद तक सफल रहे हैं। लेकिन उनको अपनी सीट पर बगावत का कम और भितरघात की शंका ज्यादा है| इसलिए वे अपनी रणनीतियों को इसी आधार पर तैयार कर रहे हैं।
इसी तरह एक अन्य भाजपा नेता और पूर्व मंत्री पिथौरागढ़ सीट पर प्रकाश पंत भी भितरघात की आशंका से सहमे हुए हैं। हालांकि उनके खिलाफ कोई बागी तो नहीं उतरा लेकिन यहां से दावेदार रहे पार्टी के पूर्व प्रदेश महामंत्री सुरेश जोशी समर्थकों के तेवर उनको लेकर थोड़ा सख्त है जिससे प्रकाश पंत घबराए हुए हैं।
उधर सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में भी हालत कुछ जुदा नहीं है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोक चुके नाराज कांग्रेसियों को मनाना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। खास कर मुख्यमंत्री के चुनाव क्षेत्र किच्छा में शिल्पी अरोड़ा,पीसीसी चीफ की सीट सहसपुर में आर्येन्द्र शर्मा और धनोल्टी में कैबिनेट मंत्री प्रीतम पंवार की सीट पर ताल ठोक रहे मनमोहन सिंह मल्ल ने पार्टी की हृदयगति को बढ़ा दिया है। इन सीटों पर डैमेज कंट्रोल के कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व के साथ छह केन्द्रीय पर्यवेक्षक भी जुटे हैं लेकिन अभी अपेक्षित सफलता मिलती नहीं दिख रही है। टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री शिल्पी अरोड़ा पार्टी से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ किच्छा सीट पर चुनाव मैदान में उतर गई हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर बहुत आक्रामक आक्रमण किया है| उन पर कार्यकर्ताओं के शोषण और उपेक्षा का बड़ा आरोप लगाया है। उधर किशोर उपाध्याय की सीट सहसपुर पर बगावत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री नारायणदत्त तिवारी के ओएसडी रहे वरिष्ठ कांग्रेसी आर्येन्द्र शर्मा को मनाने के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत, हिमाचल के एक कैबिनेट मंत्री और खुद किशोर उपाध्याय ने जी तोड़ मेहनत की लेकिन वे चुनाव लड़ने से कम पर कोई बात सुनने से इनकार कर चुके हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अगर आर्येन्द्र नहीं माने तो किशोर की हार तय है। इसी तरह धनोल्टी सीट पर मसूरी के नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कांग्रेस के टिकट पर पर्चा दाखिल किया था लेकिन बाद में कांग्रेस आलाकमान ने उस सीट पर निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार जो हरीश सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं को समर्थन दे दिया और मल्ल को मैदान से हटने का फरमान सुनाया जिसे मानने को मल्ल कतई तैयार नहीं हैं। अगर मल्ल नहीं माने तो ये सीट भी कांग्रेस के हाथ से जानी तय है। इसी तरह गदरपुर से कांग्रेस के टिकट दावेदार रहे जरनैल सिंह काली ने भी टिकट न मिलने पर बगावत का झंडा उठाया है। उन्होंने इसी सीट पर बसपा से ताल ठोकी है। जिससे कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र पाल सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसी तरह राजधानी की रायपुर सीट पर कांग्रेस नेता रही किन्नर रजनी रावत ने निर्दलीय दावेदारी की है जो कांग्रेस प्रत्याशी प्रभुलाल बहुगुणा के गले की हड्डी बनती दिख रही हैं।
दोनों दलों में बागियों की सूची देखें तो भाजपा में चैबट्टाखाल में सतपाल महाराज के सामने पार्टी के कविन्द्र इष्टवाल ने बगावत का बिगुल फूंका है। रानीखेत में प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के खिलाफ पार्टी के प्रमोद नैनवाल, जसपुर में शैलेन्द्र मोहन सिंघल के खिलाफ पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विनय रोहिल्ला, केदारनाथ में शैलारानी रावत के खिलाफ पूर्व विधायक आशा नौटियाल, नरेन्द्र नगर में सुबोध उनियाल के खिलाफ पूर्व विधायक ओमगोपाल रावत, कालाढूंगी में बंशीधर के खिलाफ हरेन्द्र सिंह, काशीपुर में हरभजन सिंह चीमा के खिलाफ राजीव अग्रवाल, गंगोत्री में गोपाल रावत के खिलाफ सूरतराम नौटियाल जैसे पार्टी के कैडर नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है। इसी तरह कांग्रेस में सहसपुर सीट पर पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के खिलाफ आर्येन्द्र शर्मा, किच्छा में मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ शिल्पी अरोड़ा, धनोल्टी में प्रीतम सिंह पंवार के खिलाफ मनमोहन सिंह मल्ल, देवप्रयाग में मंत्री प्रसाद नैथानी के खिलाफ पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, यमकेश्वर में शैलेन्द्र सिंह रावत के खिलाफ रेनू बिष्ट,ज्वालापुर में शीशपाल सिंह के खिलाफ बृजरानी, बागेश्वर में बालकृष्ण के खिलाफ रंजीत दास और रूद्रप्रयाग में लक्ष्मी राणा के खिलाफ प्रदीप थपलियाल ने मोर्चा खोला हुआ है।
लब्बोलुआब यह है कि यदि इन बागियों को दोनों पार्टियों ने जल्द ही नहीं मैनेज किया तो दोनों दलों की सत्ता हासिल करने की रणनीति फेल हो सकती है। इसके साथ ही उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम भी अप्रत्याशित होगा।

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