इरादे हों तो गुलवीर जैसे

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हल्द्वानी। इरादे मजबूत और हौसले बुलंद हों तो कोई भी मुश्किल बाधा नहीं बनती। ऐसा जज्बे के साथ आगे बढ़ रहे हैं दिव्यांग गुलवीर भाटी। दिल्ली निवासी गुलवीर हंस फुटबाल क्लब चलाते हैं। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कार्यरत गुलवीर फुटबाल के बेहतरीन डिफेंडर थे। इसी वजह से 1992 में उनका चयन एम्स फुटबाल टीम में हुआ। वर्ष 2001 में हुए सड़क हादसे ने उनके जीवन को बदल दिया। फुटबाल का बेहतरीन खिलाड़ी हमेशा के लिए व्हील चेयर पर आ गया। हादसे के बाद गुलवीर का खेलना तो बंद हो गया, लेकिन दिल में अब भी फुटबाल ही बसती है। इसलिए अपनी एम्स टीम के मैनेजर बन गए। 2006 में गुलवीर ने हंस क्लब नाम से अपनी फुटबाल अकादमी शुरू कर दी। वह खुद खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देते हैं। हमेशा व्हीलचेयर पर रहने वाले 43 वर्षीय गुलवीर भाटी को पत्नी रजनी भाटी बहुत सहयोग करती हैं। बेटा अमन भाटी भी उनके क्लब से खेलता है।

हंस क्लब की टीम आजकल हल्द्वानी में ऑल इंडिया यूथ फुटबाल टूर्नामेंट खेलने पहुंची है। टीम के साथ पहुंचे गुलवीर ने बताया कि जब वह खिलाड़ियों को मैदान में खेलते देखते हैं तो उन्हें लगता है कि वह खुद खेल रहे हैं। उनके क्लब में 25 युवा ट्रेनिंग ले रहे हैं। गुलवीर का सपना है कि उनके बच्चे एक दिन देश के लिए खेलें।

गुलवीर भाटी के नेतृत्व में हंस फुटबाल क्लब की टीम दिल्ली, हिमाचल, हरियाणा, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में खेल चुकी है। हल्द्वानी में होने वाले हाइलैंडर कप, नैनीताल में होने वाले ऑल इंडिया रामपुर फुटबाल चैलेंजर कप में भी हिस्सा ले चुके हैं। नैनीताल में तीन, हल्द्वानी में दो बार टीम सेमीफाइनल में पहुंची है।