एमआईएस विश्वस्तरीय नागरिक बना रहा है: राजदूत

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शिक्षा की दृष्टि से उत्तराखंड एमआईएस अन्तर्राष्ट्रीय मानकों पर महत्वपूर्ण विद्यालय माना जा रहा है, जहां शिक्षा का श्रेष्ठ स्तर तो है ही व्यवस्था भी चाक-चौबंद है। यह मानना है नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय का।

उपाध्याय एमआईएस मसूरी के 33वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उनका कहना था कि शिक्षा जो लोगों को सभ्य सुसंस्कृत और कार्य क्षेत्र में उतरने लायक बनाती है। उसके लिए जो व्यवस्थाएं दी जाती हैं वे अपने आप में किसी ज्येष्ठ और श्रेष्ठ व्यवस्था से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि एमआईएस शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए विश्वस्तरीय केन्द्र है जो नेपाल सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए विद्यार्थियों का स्वागत करता है। एक साथ मिलकर सीखना और आपस में घनिष्ठ सम्बन्ध विकसित करना, एमआईएस के विद्यार्थियों को सही मायनों में विश्वस्तरीय नागरिक बनाता है। मुझे यह जानकर गर्व हुआ कि एमआईएस में शिक्षा प्राप्त नेपाली विद्यार्थी आज दुनिया में अपना नाम रौशन कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि मुझे स्कूल के 33वें संस्थापक दिवस के जश्न में शामिल होने का मौका मिला, मैं विद्यार्थियों, अध्यापकों, प्रधानाध्यापक एवं प्रबन्धन को आगामी वर्षों में कामयाबी के लिए शुभकामनाएं देता हूँ।
कार्यक्रम के अतिथियों में शान्तनु प्रकाश तथा एमआईएस के अध्यक्ष डॉ. श्यामा चोना के नाम शामिल हैं। रंगारंग कार्यक्रम की शुरुआत स्कूली विद्यार्थियों के देवी स्तवनम के साथ हुई जिसमें विद्यार्थियों ने विभिन्न नृत्यरूपों के साथ वैदिक गायन किया।
इस मौके पर एमआईएस के चेयपर्सन डॉ. श्यामा चोना ने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाले विद्यार्थियों की घोषणा की तथा कहा कि भारत की परम्पराओं और सांस्कृतिक मूल्यों को बरकऱार रखते हुए विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करना हमारा उद्देश्य है।
एमआईएस के विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रदर्शनियों में रीसाइक्लेबल सामग्री जैसे बोतल, गेंद, बोतल का ढक्कन आदि से बने मॉडल प्रदर्शित किए तथा भारत में जीएसटी विषय पर भी व्याख्यात्मक डिस्प्ले बोर्ड प्रदर्शित किया गया।