गणेश चतुर्थी पर रंग-बिरंगी मूर्तियों से सजीं दून की दुकानें

0
719

गणेश चतुर्थी 25 अगस्त को है और इस बार गणपति दस के बजाय 11 दिन तक विराजमान रहेंगे। पांच सितंबर को आनंद चतुर्दशी के दिन बप्पा की विदाई होगी। द्रोणनगरी में आधा दर्जन से ज्यादा गणेश महोत्सव होते हैं और घरों में भी गणपति बप्पा को लाया जाता है। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं और बाजार में बप्पा की आकर्षक मूर्तियां सजी हैं।

आपको बतादें कि चतुर्थी को गणपति भगवान की पूजा अर्चना से घर में संपन्नता, समृद्धि, सौभाग्य और धन का समावेश होता है। गणपति बप्पा की मूर्ति को घर लाएं और पवित्र स्थान पर स्थापित करें। फिर धूप, दीप, पान, सुपारी, नारियल और पान के पत्तों से ‘ऊं गं गणपतये नम:’ मंत्र का जाप करते हुए पूजन करें और आरती उतारें। गणेश भगवान को मोदक का भोग लगाएं।

अगर आप अपने घर में बप्पा को विकाजना चाहते हैं तो बप्पा को विराजमान करने का शुभ मुहूर्त

  • 25 अगस्त
  • सुबह 11.06 से दोपहर 1.38 बजे तक

 

0b47120a-72e6-4f88-916d-3cdc65d62dd0

गणेश चतुर्थी का त्यौहार ना केवल उनका त्यौहार होता है जो बप्पा को अपने घरों में विराजते हैं बल्कि उनका भी होता है जो पूरे साल आज के दिन का इंतजार करते हैं।जी हां किशनपुर चौक देहरादून से लेकर बिंदाल पुल तक रंगा-बिरंगी मूर्तियों से सजी दुकानें इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। अलग-अलग रंग और दाम में उपलब्ध ये मूर्तियां इस दौरान आने जाने वाले सभी का मन मोह ले रहीं हैं। गणेश की मूर्तियां अपनी दुकान सजाए महेश बताते हैं कि इस त्यौहार का वह बेसब्री से इंतजार करते हैं।इस दिन के लिए उनके पास हर रंग और हर साईज के गणेश जी की मूर्ति उपलब्ध हैं।महेश बताते हैं कि हमारी महीनों की मेहनत तब सफल होती है जब लोग अपनी पसंद की मूर्तियों को अपने घर में विराजते हैं।मूर्ति खरीदने राजपुर रोड से किशनपुर चौक पर आई पूजा बताती हैं कि हर साल उनके घर गणेश जी की मूर्ति विराजी जाती हैं और वह हमेश यहीं से अपने घर के लिए मूर्ति लेकर जाती हैं।पूजा कहती हैं कि यहां आने के बाद एक मूर्ति को चुनना कठिव होता है क्योंकि सभी मूर्तियां एक से बढ़कर एक होती हैं।