अवमानना के मामले में फंसे टीएचडीसी निदेशक

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हाई कोर्ट ने टिहरी हाइड्रो पावर कॉरपोरेशन के निदेशक पर अदालत के आदेश की अवमानना करने पर अवमानना आरोप तय कर दिए। निदेशक जीएस तोमर को आरोपों का 31 मई तक जवाब दाखिल करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसी मामले में कोर्ट ने निदेशक के साथ ही उत्तराखंड तकनीकी विवि के कुलपति प्रो पीके गर्ग को 31 मई को कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।

टीएचडीसी हाइड्रो पावर इंजीनियरिंग फेकल्टी एसोसिएशन की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई गई है। इसमें कहा गया है कि पहली दिसंबर 2015 को उच्च न्यायालय ने आदेश में याचिकाकर्ताओं को नियमित करने व वेतन भुगतान करने के आदेश पारित किए थे, मगर टीएचडीसी हाइड्रोपावर व उत्तराखंड तकनीकी विवि द्वारा अदालत के आदेश का अनुपालन नही किया गया।

इस संदर्भ में कुलपति प्रो. पीके गर्ग हाई कोर्ट में स्पष्टीकरण दिया कि हाइड्रोपावर इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक को याचिकाकर्ताओं को नियमित करने व उनके पहली दिसंबर 2015 से 22 सितंबर 2016 तक का वेतन भुगतान करने को कहा गया था। इस आदेश का अनुपालन निदेशक स्तर से होना था।

टीएचडीसी निदेशक जीएस तोमर हाई कोर्ट में पेश हुए और उन्होंने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं को नियमित करने का अधिकार उन्हें प्राप्त नही है। इसके अलावा यूटीयू के कुलपति का 11मई 2017 का आदेश ई-मेल से 14 मई को प्राप्त हुआ। इसमें याचिकाकर्ताओं के वेतन भुगतान का आदेश किया गया था। इस आदेश का पालन करते हुए उनके द्वारा कुछ भुगतान की राशि एडवांस जारी कर दी। शेष राशि का जल्द भुगतान कर दिया जाएगा।

कोर्ट ने उनकी सफाई के बाद आरोप तय किया कि पहली दिसंबर 2015 से 15 सितंबर 2016 तक अदालत का आदेश नही मानना अवमानना मानते हुए आरोपित किया। साथ ही आरोप का उत्तर देने के लिए 31 मई तक का समय दिया है। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकलपीठ में हुई।