ईमानदारी और लगन से पुलिस महकमे में अलग पहचान बनाएं बेटियां: मुख्यमंत्री

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    प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड पुलिस में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ‘‘जब मैं अपनी बेटियों को इस वर्दी में देख रहा हूं तो मुझे अपार खुशी हो रही है। आज मैं कह सकता हूं कि उत्तराखंड राज्य में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान खूब फल फूल रहा है। आप सारी बेटियां इस राज्य का गौरव है और आपसे उम्मीद है कि आप सब पूरी ईमानदारी और लगन से पुलिस महकमे में अपनी अलग पहचान बनाऐंगी।’’
    मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को पुलिस लाइन में उत्तराखण्ड पुलिस के ट्रेनी आरक्षियों(कांस्टेबल्स) के पासिंग आउट परेड की सलामी ली। इस दौरान उन्होंने प्रशिक्षु पुलिस आरक्षियों और उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस में महिलाओं की संख्या 11 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि राष्ट्रीय औसत सात प्रतिशत है। पुलिस फोर्स में महिलाओं की भागीदारी के क्षेत्र में उत्तराखण्ड देश के शीर्ष पांच राज्यों में सम्मिलित हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब प्रदेश हर थाने में एक या उससे ज्यादा महिला पुलिस की तैनाती हो सकेगी। इससे महिला संबंधी अपराध की रोकथाम और उसके कुशल निवारण में भी मदद मिलेगी।
    सीएम ने कहा कि आधुनिक समय में पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ी है और पुलिस का काम के साथ ही अन्य सामाजिक सरकारों से जुड़ गया है। इस कारण पुलिस पर लोगों का भरोसा भी बढ़ा है और इस खरा उतरना भी होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में जहां राजस्व पुलिस की व्यवस्था लागू है, वहां भी लोगों द्वारा रेगुलर पुलिस की मांग की जाने लगी है।
    त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दी गई स्मार्ट पुलिस की परिकल्पना को दोहराते हुए कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस को भी स्ट्रिक्ट और सेंसिटिव, मोरल और मोबाइल, एलर्ट और एकाउंटेबल, रिलाएबल और रिस्पॉन्सिबल औरटेक्नोलॉजी सेवी होना पड़ेगा।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध भी पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि पुलिस का नशे के कारोबार के विरुद्ध एक कठोर अभियान चलाने में भी महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने सभी पास आउट आरक्षियों को उनके सफल करियर के लिये शुभकामनाएं भी दी।
    पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने बताया कि कुल 175 ट्रेनी आरक्षियों का प्रशिक्षण रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर देहरादून में हुआ। कुल सीधी भर्ती के 141 महिला आरक्षियों एवं 34 पुरुष रिक्रूट आरक्षियों को नौ माह का आधारभूत प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें प्रशिक्षण देने के लिए 27 पुलिस अधिकारी/कर्मी नियुक्त रहे। देहरादून जनपद के अतिरिक्त रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर जनपद हरिद्वार, उधमसिंहनगर, चम्बा(टिहरी गढ़वाल), 31वीं वाहिनी पीएसी में भी कुल 792 प्रशिक्षु महिला आरक्षियों का प्रशिक्षण सम्पन्न कराया गया तथा इन सभी स्थानों पर भी पासिंग आउट परेड विभिन्न तिथियों में आयोजित की जा रही है।
    दीक्षांत परेड में प्रशिक्षण अवधि में सर्वांग-सर्वोत्तम श्रेणी में महिला आरक्षी कविता और अंजना बेलवाल और पुरुष आरक्षी अंकित बिष्ट को पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
    इस अवसर पर एडीजी अशोक कुमार, आईजी दीपम सेठ सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।