उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी की सेमेस्टर परीक्षा के पेपर लीक

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लगातार विवादों में रहने वाली उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में एक नया विवाद जुड़ गया है। इस बार मामला पेपर लीक से जुड़ा है। यूनिवर्सिटी के बीएएमएस के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा का पेपर लीक हो गया है। परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को पेपर व्हाट्सअप से भेजे जाने की बात सामने आई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पेपर लीक का मामला स्वीकार करते हुए जांच कराए जाने की बात कही है।

यूनिवर्सिटी में बीएएमएस प्रथम सेमेस्टर की परीखाएं संचालित की जा रही है। परीक्षा यूनिवर्सिटी के तीन संस्थानों सहित प्रदेश के अन्य 11 निजी संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों के लिए आयोजित की जा रही है। लेकिन परीक्षा से पहले से पेपर लीक किए जा रहे हैं। दरअसल परीक्षा से पले पेपर सील बंद लिफाफे में रखे जाते हैं। यह लिफाफा परीक्षा वाले दिन कुछ ही मिनट पहले खोला जाता है, लेकिन यहां इन लिफाफों में रखे पेपर बिगना सील खुले इनमें रखे प्रश्नपत्र छात्रों तक व्हाट्सएप आदि माध्यमों से भेजे जा रहे हैं।
आखिरी दो दिन में ईमेल से भेजे पेपर
यूनिवर्सिटी से जुड़े संस्थानों में बीएएमएस प्रथम सेमेस्टर की परीक्षाएं 24 जुलाई से शुरू हुई थी। परीक्षा कुल आठ विषयों के लिए आयोजित की गई थी। सूत्रों के मुताबिक 24 से 26 जुलाई तक की परीक्षाओं के पेपर लीक व्हाट्सअप के जरिये आउट किए गए। इसमें छात्रों से पैसे के लेन की बात भी सामने आ रही हैं। यूनिवर्सिटी को जैसे ही मामले की भनक लगी तो सुरक्षा के मद्देनजर आखिरी दो दिन की परीक्षा ईमेल के जरिये संस्थानों को पेपर भेजकर कराई गईं। पेपर लीक मामले में यूनिवर्सिटी अंदर के कर्मियों की मिली भगत होने की बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। बिना लिफाफा खोले पेपर छात्रों तक पहुंचना यूनिवर्सिटी के अंदर के कर्मियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। यूनिवर्सिटी के कुलसचिव प्रो. अनूप कुमार गक्खड़ ने बताया कि पेपर लीक होने की बात सामने आई है, लेकिन मामले में अभी तक कोई शिकायत यूनिवर्सिटी को प्राप्त नहीं हुई है। हालांकि यूनिवर्सिटी द्वारा लीक प्रश्नपत्रों के मामले में कमेटी गठित कर जांच कराई जाएगी।
बिना परीक्षा नियंत्रक के हो रही हैं परीक्षा
आयुर्वेद यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं बीते कई सालों से बिना परीक्षा नियंत्रक संचालित हो रही है। जिसके चलते परीक्षाओं का आयोजन व परिणाम समय से घोषित नहीं हो पा रहा है। आलम यह है कि टाइम टेबल आदि को लेकर भी छात्रों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यूनिवर्सिटी में परीक्षाओं सहित सभी अहम कार्य बिना स्थाई प्रभारी के ही निष्पादित हो रहे हैं। इससे छात्रों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। परीक्षा से लेकर परिणाम घोषित करने में असमंजस की स्थिति बनी रहती है। इतना ही नहीं हालात यह हैं कि मौजूदा वक्त में यूनिवर्सिटी के पास स्थाई कुलपति और कुलसचिव तक नहीं है। यूनिवर्सिटी में प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी प्रभारी कुलपति और प्रो. अनूप कुमार गक्खड़ बतौर प्रभारी कुलसचिव कार्यभार संभाल रहे हैं।

यूएपीएमटी पर खड़ा हो रहा सवाल
सेशनल एग्जाम में पेपर आउट होने की घटना ने आयुष कोर्स की यूजी और पीजी सीटों पर दाखिले के लिए आयोजित होने वाली यूएपीएमटी प्रवेश परीक्षा की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल उत्तराखंड आयुर्वेद यूनिवर्सिटी द्वारा उत्तराखंड आयुष प्री मेडिकल टेस्ट (यूएपीएमटी) के लिए आवेदन मांगे गए हैं। आवेदन प्रक्रिया 16 अगस्त तक चलेगी, जिसके बाद 3 सितंबर को प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। बीते वर्ष पर नजर डालें तो यूएपीएमटी परीक्षा में एक दर्जन से भी ज्यादा मुन्नाभाई पुलिस के हत्थे चढ़े थे। मामले में एक बड़े गिरोह का भी भंडाफोड़ हुआ था। ऐसे में यूनिवर्सिटी के अंदर बिना लिफाफा खोले पेपर लीक होेने की घटना को देखते हुए बड़ी प्रवेश परीक्षा में पेपर की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।