प्रदेश बीजेपी कार्यालय औऱ नेता कार्यकर्ताओं में बुधवार देर शाम खलबली मच गई जब खबर आई कि दिल्ली से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के दफ्तर ने राज्य विधानसभा चुनावों के लिये पहली सूची जारी कर दी है। ये सूची दिल्ली से जारी बताई गई और बकायदा राष्ट्रीय अध्यक्ष के लैटर हेड पर लिखी थी। आनन फानन में ये लिस्ट राज्य भर में सोशल मीडिया पर दिखने लगी। जिनके नाम लिस्ट में थे वो खुश भी थे और डरे हुये भी क्योंकि अचानक आई इस लिस्ट पर यकीन कर पाना ज़रा मुश््किल लग रहा था।
हुआ भी कुछ ऐसा ही बीजेपी ने खबर मिलते ही पार्टी की तरफ से इस लिस्ट का खंडन किया और इसे फर्जी करार दिया। पार्टी प्रवक्ता देवेंदर्र भसीन ने कहा कि “व्हाट्सऐप ग्रुपों में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के नाम से विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा प्रत्याशियों की एक सूची चल रही है वह पूरी तरह से जाली है। पार्टी ने मामले को गम्भीरता से लिया है और इस बारे में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की जायेगी।”
उन्होने कहा कि “व्हाट्सऐप ग्रुपों में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह के कथित पेड पर उनके हस्ताक्षरों से उत्तराखंड विधान सभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची के रूप में सूचना चलाई जा रही है। इसमें सूची की प्रति भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को प्रेषित किया जाना भी लिखा है। लेकिन पैड, सूची सभी कुछ पूरी तरह फर्जी है और एक बड़ी जालसाजी का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सूची पर किसी को भी ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।”
पार्टी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इस बारे में कल पुलिस को औपचारिक शिकायत की जायेगी। जिससे इसके मूल का पता लग सके और कार्यवाही हो सके। डॉ भसीन ने कहा की यह हरकत भाजपा विरोधियों की है लेकिन ऐसे जालसाजी के कारनामों से भाजपा का कुछ बिगड़ने वाला नहीं है।
लिस्ट का मामला तो फिलहाल ठंडा पड़ गया लेकिन इस कुछ घंटों के प्रकरण ने कई टिकटचाहने वालों के चेहरों पर रौनक और कईयों के चेहरों पर मायूसी ज़रूर ला दी थी।