कनखल में मिला मादा गुलदार का शव, चमोली में भालू की पित्ती के साथ तीन गिरफ्तार

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(हरिद्वार) उपनगरी कनखल क्षेत्र में गुलदार आने से लोगों में हड़कंप मच गया। शनिवार देर शाम कुछ लोगों ने कनखल में नक्षत्र वाटिका के पास गुलदार देखे जाने की सूचना वन विभाग को दी। शहर में गुलदार आने की खबर फैलते ही लोगों में हडकंप मच गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची।
रविवार को गुलदार की जब खोजबीन की जा रही थी तभी उसका शव वन विभाग की टीम को मिला। वन विभाग के मुताबिक गुलदार की उम्र ढाई साल है और वह मादा है। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। माना जा रहा है कि उसकी मौत बिमारी के कारण हुई है। उधर, मौत के कारणों का पता लगाने के लिए वन विभाग के डॉक्टरों ने मादा गुलदार का पोस्टमार्टम करवाया। कनखल में ये दूसरा मौका है जब गुलदार घुस आया। इससे पहले गुलदार सन्यास रोड स्थित एक आश्रम में घुस आया था। बाद में गुलदार को पकड़ लिया गया था। वन विभाग के रेंजर डीपी नोडियाल ने बताया कि गुलदार का शव कनखल के नक्षत्र वाटिका से मिला है। गुलदार बीमार था और उसकी मौत प्राकृतिक लग रही है।

वहीं चमोली जिले के विकास खंड देवाल के देवाल बाजार से रविवार को वन विभाग की टीम ने एक दुकान पर छापामार कर भालू की पांच रिखपित्तियों के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
देवाल बाजार स्थित एक दुकान में छापेमारी में भालू की पांच पित्तियां बरामद की। मामले में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। आरोपितों के खिलाफ वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला पंजीकृत कर लिया गया है। जानकारी देते हुए वन क्षेत्राधिकारी देवाल टीएस बिष्ट ने बताया कि रविवार को मुखबिर की सूचना पर देवाल बाजार स्थित एक बारबर (नाई) की दुकान में छापेमारी की गई। जहां से भालू की पांच रिखपित्तियों के साथ दिलशान, शाहरूख खान निवासी काशीपुर, देवेंद्र सिंह निवासी ग्राम घेस देवाल को पकड़ा। दिलशान व शाहरूख ने वन विभाग की टीम को बताया कि भालू की पित्तियां देवेंद्र सिंह से खरीदी। जिन्हें वे बेचने के लिए बाहर ले जाने वाले थे। वहीं, देवेंद्र सिंह ने बताया कि पित्तियां कुमाऊं मंडल से खरीदकर लाया था। वन विभाग की टीम तस्करों के तार अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े होने की संभावना को देखते हुए जांच में जुट गई है। वन विभाग की टीम में वन दरोगा त्रिलोक बिष्ट, थराली रेंजर गोपाल सिंह, वन आरक्षी, अनूप देवराड़ी, खिमानंद खंडूरी, बलवंत खत्री आदि शामिल थे।