उड़ान नहीं भर पा रही सरकार की “होमस्टे स्कीम”

0
710

पलायन रोकने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के मकसद से शुरू की गई राज्य सरकार की “होम स्टे” परियोजना कुछ खास कमाल करती नही दिख रही है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि पिछले साल फरवरी में शुरू की गी इस स्कीम में अब तक 300 से भी कम लोगों ने रेजिस्ट्रेशन कराया है।

होमस्टे स्कीम के तहत पर्यटकों के लिये गांलवों में लोगों के घरों में कमरे किराये पर देने की सुविधा मुहैया कराई गई थी। इस योजना की शुरुआत उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने कम दामों में लोगों को रिहाईसी सुविधा और राज्य के आम लोगों से पर्यटकों के जुड़ने के कवायद के तौर पर शुरु किया था। इसके साथ साथ इस योजना का मकसद लोकल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का भी था।

लेकिन यूटीडीबी के अनुसार अबी तक इस स्कीम के लिये केवल 268 लोगों ने ही रेजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें

  • टिहरी में 65
  • अल्मोड़ा में 63
  • देहरादून में 53
  • नैनीताल में 40 लोगों ने ही रेजिस्ट्रेशन करवाया है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य के आधे से ज्यादा जिलों में ये आंकड़ा डबल डिजिट का भी नही है। इनमें

  • हरिद्वार 5
  • पिथौरागढ़ 5
  • उधमसिंह नगर 2
  • पौड़ी 2
  • चंपावत 2
  • चमोली 2
  • रुद्रप्रयाग 1 है।

वहीं एक्सपर्ट का मानना है कि अगर यह होमस्टे की योजना अमल में लाई गई तो इसके परिणम उम्दा होंगा क्योंकि उत्तराखंड के पास पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं।पहले तो सरकार को क्षेत्रीय लोगों तक यह बात पहुंचानी होगी कि ऐसी कोई योजना है।दूसरी बात होमस्टे के लिए जाने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना भी बहुत जरुरी है।इसके लिए अलग-अलग क्षेत्रों में लोगों को ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है जिनके पास होमस्टे की सुविधा दी जाएगी।होटल और रेस्टोरंट एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने टीम न्यूजपोस्ट से बातचीत में बताया।

वहीं उत्तराखंड टूरिज्म डेवलेपमेंट बोर्ड के सीनियर रिसर्च ऑफिसर एस.एस सामंत ने बताया कि, “25 फरवरी 2016 जब ये यह नियम आए हैं अब तक कुल 285 होमस्टे रजिस्टर हुए हैं।यह कहना गलत होगा कि लोगों का रुझान होमस्टे की तरफ नहीं हैं।हम लोगों ने अपनी तरफ से जिला स्तर,सरकारी स्तर,तहसील स्तर पर और अपने जिला टूरिस्ट ऑफिस के जरिए होमस्टे के बारे में लोगों को जागरुक किया है।इतना ही नहीं इसकी मार्केटिंग के लिए ओयो रुम,यात्रा डॉट कॉम के साथ टाईअप किया है।इसके अलावा देहरादून और उधमसिंह नगर में 2-4 वर्कशॉप और ट्रेनिंग भी दी गई है।हमारी सोच है कि जैसे-जैसे हमें ग्राउंड लेवल से फीडबैक मिलेगा हम उसपर और काम करेगें।इस समय अल्मोड़ा के पास सबसे ज्यादा होमस्टे है।