सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के साथ ही स्कूल-कॉलेजों में दाखिले के लिए भी आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में इस सीजन में तमाम लोग आधार के लिए भटक रहे हैं लेकिन प्रशासन लोगों को आधार कार्ड बनाने के लिए पर्याप्त सुविधा मुहैया कराने में विफल हैं। राजधानी की बात करें तो आधार कार्ड बनाने के नाम पर दून में मात्र 12 आधार केंद्र हैं। इनके भरोसे प्रतिमाह करीब 15 हजार आवेदक हैं। जबकि एक केंद्र पर दिनभर में 30 से 40 आधार ही बन पा रहे हैं, जिससे इन केंद्रों पर सुबह से ही भीड़ लग रही है।
आधार बनाने में प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। एक माह पहले तक दून में आधार बनाने के 46 केंद्र संचालित थे लेकिन आवेदन करने में गलतियां करने पर केंद्र सरकार ने इनमें से 34 केंद्रों पर रोक लगा दी। अब सिर्फ 12 केंद्रों पर ही आधार कार्ड बनाने का काम चल रहा है चूंकि अब दाखिले का सीजन है तो हर दिन सैंकड़ों आधार बनवाने के लिए केंद्रों पर उमड़ रहे हैं। इसके अलावा, हजारों लोगों के आधार में त्रुटियां हो गई हैं, ऐसे में वे भी आधार केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। पिछले जुलाई के आंकड़ों पर गौर करें तो इन 12 केंद्रों पर नए आधार बनवाने या त्रुटिपूर्ण आधार को ठीक कराने के लिए 15 हजार लोग पहुंचे हैं।
आधार कार्ड केंद्रों की संख्या कम होने की आड़ में कई केंद्रों पर आधार के नाम पर अवैध वसूली भी चल रहा है। स्थिति ये है कि केंद्रों पर 100 से 150 रुपये वसूले जा रहे हैं। बावजूद इसके लोगों को राहत नहीं मिल रही।