त्योहारी सीजन में मिलावट को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग अलर्ट

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त्योहारी सीजन आते ही मिलावटी सामग्री की भी बिक्री जमकर होने लगती है। इसी को देखते हुए जिले में मिलावट खोरी को लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग ने छापेमारी शुरू कर दी है। पहले दिन छह से ज्यादा दुकानों पर छापेमारी की गई। इस दौरान टीम ने डेयरी और दूध सेंटरों को खंगाला। वहीं टीम ने दूध और घेवर के सैंपल भी लिए।

होली, दीपावली या फिर आने वाले रक्षाबंधन के त्योहार की बात हो। हर त्योहार पर बाजार सजे नजर आते हैं। ऐसे में मार्केट में मोटी कमाई के लिए लोग नकली आइटम बेचने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। मिलावटखोरी का धंधा करने वाले लोग त्योहारों के नजदीक आते ही सक्रिय हो जाते हैं। इसी को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने शहर में छापेमारी का अभियान शुरू कर दिया है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह ने अभियान के पहले दिन शहर की छह दुकानों पर छापेमारी की। इस दौरान दूध व घेवर के सैंपल भी लिये गए। जिन्हें जांच के लिए रुद्रपुर स्थित लैब में भेजा गया है।
त्योहार के वक्त दून में न सिर्फ मिठाइयों बल्कि दूध व दुग्ध उत्पाद की भी खपत कई गुणा बढ़ जाती है। जिसका फायदा उठाने के लिए मुनाफाखोर खाद्य पदार्थों में मिलावट का ‘जहर’ घोल रहे हैं। ऐसे में खाद्य सुरक्षा विभाग ने इन पर कार्रवाई के लिए अलग-अलग टीमें गठित की हैं। यह टीमें शहर व आसपास के प्रतिष्ठानों में नियमित छापेमारी करेगी। टीमों का फोकस दूध, दुग्ध पदार्थ, मिठाई व अन्य खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट पर ज्यादा रहेगा।
जिला अभिहित अधिकारी बीसी कंडवाल ने बताया कि अभियान के तहत प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई भी देखी जाएगी। उन्होंने बताया कि बुधवार को भी अभियान के तहत सैंपल लिए गए। जिन्हें सैंपल के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने लोगों से अत्याधिक रंग वाली, बासी और खराब रखरखाव वाली मिठाई कतई न खरीदने की अपील की। खासकर दूध से बनी मिठाइयां एक खास तापमान पर रखी होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन तक नियमित चेकिंग की जाएगी।
त्योहारी सीजन में हर घर में दूध और मिठाइयों की डिमांड सबसे अधिक रहती है। ज्यादातर मिठाइयों में खोया का उपयोग किया जाता है। ऐसे में दूध और खोया की खरीदारी करने से पहले कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।
दूध में मिलावट है या नहीं इसकी जांच करने के लिए जो दूध खरीदा है, उसमें से थोड़ा दूध लेकर उसमें नींबू की कुछ बूंदे डाल दें और फिर उबाले। अगर दूध फटा नहीं तो यह नकली है। असली दूध फर्श पर कभी जमता नहीं या फिर यूं कहें कि जिस जगह दूध गिर जाए वह हिस्सा सफेद नहीं होता। ऐसे में दूध की कुछ बूंदों को फर्श पर गिराकर इसकी जांच की जा सकती है। कच्चे दूध में एल्कोहल और रोजेलिक एसिड मिलाए और यदि 30 सेकेंड में इसका रंग बदल जाए तो इसमें मिलावट होती है।

खोया जांचने के लिए थोड़ा खोया लेकर हथेली में मसले। खोया तुरंत बिखर जाएगा। वहीं जिस खोया में शकरकंद और आलू मिला होगा वह चिपचिपाने लगेगा, लेकिन बिखरेगा नहीं। कई बार गाय या देशी खोया के नाम पर हल्के लाल रंग का खोया भी मार्केट में बेचा जाता है। इसकी क्वालिटी चेक करने के लिए इसमें थोड़ा पानी डाल सकते हैं। कलर छूटने के साथ ही खोया की क्वालिटी सामने आ जाएगी।
त्योहारी मौसम में हर घर में मेहमानों के आने का सिलसिला लगा रहता है। ऐसे में मेहमानों के खाने पीने का इंतजाम भी किया जाना लाजमी है। मेहमानों के लिए तैयार किए जाने वाले विशेष भोजन में पनीर के व्यंजन स्वभाविक हैं। ऐसे में पनीर की गुणवत्ता की जांच भी बेहद जरूरी है। जांच के लिए पनीर को लेकर हाथ में मसले अगर वह बिखर जाए तो नकली है। उसमें मिलावट की संभावना रहती है।