छोटी सी बात और बड़ा बखेड़ा, पूर्व सीएम धरने पर

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धारचूला, महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष का वाहन उनके घर से उठाकर सीज किए जाने पर सीमांत में बखेड़ा हो गया। कांग्रेसी कोतवाली में धरने पर बैठ गए। आंदोलन ने तब और गति पकड़ ली जब विधायक हरीश धामी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, राज्यसभा सदस्य महेंद्र सिंह माहरा, विधायक करन माहरा व पूर्व विधायक मयूख महर आदि भी मौके पर पहुंच धरना देने लगे। इस दौरान पूर्व सीएम रावत ने कहा कि वाहन का पंजीयन न होने पर सड़क पर चलते वाहन को सीज किया जाता है न कि घर से उठाकर। पुलिस कांग्रेसजनों का उत्पीड़न कर रही है। इस मसले को लेकर धारचूला से देहरादून तक बेटी बचाओ, लोकतंत्र बचाओ आंदोलन चलाया जाएगा।

सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे पुलिस टीम महिला कांगेस जिलाध्यक्ष नंदा बिष्ट के घर पहुंची। बिष्ट का आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने कोई कारण नहीं बताया और अभद्रता करते हुए जबरन उनके स्कार्पियो की चॉबी ले ली। पुलिस वाहन को धारचूला थाने ले जाने के बजाए बलुवाकोट ले गई और सीज कर दिया।

जिलाध्यक्ष ने रात में ही इसकी सूचना क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी को दी। इसके बाद धामी भी धारचूला पहुंच गए और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर थाने पहुंचे। थाना प्रभारी ध्याण सिंह थाने में नहीं मिले। धामी ने बताया कि कई बार फोन करने के बाद भी पुलिस अधीक्षक ने फोन रिसीव नहीं किया। इससे गुस्साए कार्यकर्ता रात में ही थाने में धरने पर बैठ गए।

कार्यकर्ताओं ने थाना प्रभारी को हटाने और दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग शुरू कर दी। उधर, मंगलवार को पंचेश्वर बांध डूब क्षेत्र के लोगों से मिलने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मामले की जानकारी मिली तो वह भी धरना स्थल पर पहुंच गए। पूर्व सीएम के धरने पर बैठने की जानकारी मिलते ही उपजिलाधिकारी आरके पांडे, पुलिस क्षेत्राधिकारी विमल और पिथौरागढ़ के पुलिस क्षेत्राधिकारी शेखर सुयाल मौके पर पहुंचे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री से धरना समाप्त करने की अपील की। रावत ने दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होने तक धरना जारी रखने की बात कही। देर सायं तक धरना जारी रहा।