जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ नेगी की याचिका पर सुनवाई हुई। अब नेगी की जनहित याचिका में सीबीआई जांच में द्वाराहाट के कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट, पूर्व मंत्री हरक सिंह और उमेश कुमार को भी सीबीआई जांच के दायरे में लाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग मामले में पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, समाचार प्लस के संपादक उमेश कुमार और द्वाराहाट के विधायक मदन सिंह बिष्ट के खिलाफ सीबीआई जांच होनी चाहिए।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ एवं न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ के सामने नेगी की याचिका के बाद इस हाई प्रोफाइल केस में नया मोड़ आ गया है। पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत स्टिंग मामले में उलझ गए थे। मामले की सीबीआई जांच की बात हुई तो प्रदेश सीएंम ने इस केस और सीबीआई जांच को विशेष कैबिनेट में केंद्र से वापस लेने की भी बात हुई थी।
अब इस जांच में कांग्रेस के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, समाचार प्लस के संपादक उमेश कुमार और द्वाराहाट के विधायक मदन सिंह बिष्ट के खिलाफ सीबीआई जांच किए जाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख निश्चित की है। खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्टिंग मामले में सीबीआई जांच वापस लेने की मांग की हुई है। इसी तरह पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह ने भी सीबीआई कोर्ट में याचिका दायर कर स्टिंग की सीबीआई जांच से संबंधित विशेष फैसले को चुनौती दी है।
इन सभी जांचों से ऐसा लगता है मानो कांग्रेस की परेशानियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।सीएम रावत की अगली सुनवाई 13 फरवरी को है और इस दूसरी याचिका की सुनवाई 17 फरवरी को है,एक की सुनवाई चुनाव से पहले और एक चुनाव के बाद लेकिन फैसला क्या होगा यह देखना ज्यादा दिलचस्प होगा।