चार पीढ़ियों से बना रहा मुस्लिम परिवार रावण का पुतला

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काशीपुर। कला किसी पहचान की मोहताज नहीं, किंतु आधुनिकता की चकाचौंध में उसे कायम रखना मुश्किल है। आर्थिक लाभ के फेर में लोग पुश्तैनी कार्यों को छोड़ रहे हैं। पीढ़ी दर पीढ़ी हाथ के हुनर का हस्तांतरण खत्म होने से कलाओं का अस्तित्व भी खोने को है।

लेकिन परिवार को विरासत में मिली कला को कायम रखने की अनोखी मिसाल पेश कर रहा है एक मुस्लिम परिवार, जो पूर्वजों से मिली पुतले बनाने की कला को तीसरी पीढ़ी न केवल जिंदा रखे हुए है, बल्कि उनकी ख्वाहिश अगली पीढ़ी को भी यह कला सौंपने की है।
असत्य पर सत्य की विजय के पर्व दशहरे को लेकर जहां एक ओर गुरु द्रोणाचार्य की तप स्थली काशीपुर में गंगा-जमुनी तहजीब को बनाये रखने वाले शहर काशीपुर में मुस्लिम बंधुओं द्वारा रावण का पुतला तैयार किया जा रहा है। वहीं दशहरे के पर्व को लेकर भी लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है, वहीं जगह जगह रावण के पुतले भी नज़र आने लगे हैं। काशीपुर के रामलीला मैदान में होने वाले पुतला दहन के लिए रावण का 70 फीट ऊँचा पुतला तैयार किया जा रहा है। पुतला दहन के साथ मुस्लिम बंधुओं का भी कर्म जुड़ा हुआ है। यहाँ जलाये जाने वाले पुतलों को पिछले कई दशक से मुस्लिम परिवार ही बनाता आ रहा है। चार पीढ़ियों से दशहरे के पर्व पर रावण सहित कुम्भकर्ण और मेघनाथ का पुतला बनाने का काम कर रहे महबूब कहते है, “इस काम में हमें दिल से बहुत खुशी मिलती है क्योंकि यह एक धार्मिक आस्था का काम है। जब लोग दशहरे के दिन पुतला दहन के बाद खुश होते हैं तो हमें भी त्यौहार मनाने वालों की तरह ही ख़ुशी होती है। महबूब कहते हैं कि , “इस काम को करते हुए हमारी चार पीढ़ियां गुजर गई लेकिन इस बार महंगाई की मार सबसे अधिक है।

वहीं आयोजकों द्वारा भी महबूब और उसके परिवार के लोगों के लिए दो माह पहले से ही तैयारी के लिे जगह देदी जाती है, मेरठ के रहने वाले महबूब की चार पीढीयों से आज तक पुतला बनाने का काम एक ही परिवार को दिया जाता रहा है, वहीं रामलीला कमेठी भी महबूब ौर ुसके परिवार के कार्यों की सराहना करता है।
गौरतलब है कि शहर में रावण का सबसे बड़ा पुतला यहीं जलाया जाता है। पुतला दहन के साथ यहाँ होने वाली भव्य आतिशबाजी भी लोगों के आकर्षण का केंद्र होती है। काशीपुर के रामलीला मैदान में जब रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के पुतले को आग के हवाले किया जाएगा तो असत्य पर सत्य की जीत की मिसाल पेश होगी।