स्वच्छ भारत की हकीकत: गंगा तटों के पास फैली गंदगी

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(हरिद्वार)। स्वच्छता अभियान के प्रति सप्ताह हरिद्वार में चलाए जाने के बाद भी गंगा के घाटों पर गंदगी का नजारा आम बात है। अलकनंदा घाट, सुभाष घाट, रोड़ीबेलवाला आदि गंगा घाटों के समीप बड़ी संख्या में कूड़े के ढेर लगे होने से श्रद्धालुओं को भी समस्याओं का समाना करना पड़ता है।
गंगा घाटों पर लगे गंदगी के अंबार स्वच्छ भारत अभियान को जहां पलीता लगा रहे हैं, वहीं सामाजिक संगठनों द्वारा प्रति सप्ताह चलाए जाने वाले सफाई अभियान पर भी प्रश्न चिह्न लगे हैं। बाहर से आने वाले यात्री श्रद्धालु अपने साथ लाई वेस्ट सामग्री को गंगा घाटों पर ही फेंक देते है। अलकनंदा घाट के समीप भारी तादाद में कूड़ा डाला जा रहा है। लघु व्यापारी भी गंदगी को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं। बड़ी संख्या में चाट पकौड़े घाटों पर ही बेचे जा रहे हैं। इस कारण लोग खाने के बाद पत्तों आदि को वहीं फेंक देते हैं, जिससे गंदगी का बढ़ावा मिल रहा है। नगर निगम के अधिकारी इस ओर कोई संज्ञान नहीं ले रहे है। जिन स्थानों पर गंगा को स्वच्छ निर्मल एवं गंदगी मुक्त करने के स्लोगन लिखे हुए हैं उन्हीं स्थानों पर कूड़े के ढेर अधिक लगाये जा रहे हैं। कुछ संस्थाओं की टीमों द्वारा गंगा घाटों की सफाई तो की जाती है लेकिन मात्र सफाई अभियान फोटो सेशन तक ही सीमित हो रहा है। गंगा घाटों की अगर नियमित रूप से सफाई की जाये तो गंगा घाटों के अलावा आस पास के क्षेत्र को भी गंदगी मुक्त बनाया जा सकता है। लेकिन, ठीक रूप से सफाई अभियान नहीं चलने के कारण हरिद्वार के विभिन्न गंगा तटों पर फैली गंदगी को मुक्त करने वाले अभियान सफल नहीं हों पा रहे है। सच्चे मन से अगर गंगा को गंदगी मुक्त करना है तो सभी को मिल जुलकर अपने प्रयासों को नियमित रूप से लागू करना पड़ेगा।