विश्व धरोहर फूलों की घाटी को पहले पोलीगोनियम नुकसान पहुंचा रहा था और अब एक और नई मुसीबत यहां पैर पसारने लगी है। इस घाटी में अब गोल्डन फर्न ने दस्तक देनी शुरू कर दी है। फूलों की घाटी पर अब एक और काली छाया ने फूलों को नष्ट करना शुरू कर दिया है।
फूलों की घाटी में एक दशक पहले पोलीकोनियम नामक एक फूल ने पैर पसारते हुए फूलों की घाटी को काफी नुकसान पहुंचाया है। इस पौध ने अपने आसपास के सभी फूलों को नष्ट कर दिया है, जिसको देखते हुए नंदादेवी वायोस्फियर रिजर्व ने इसे नष्ट करने पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिया, मगर अभी भी यह पौधा घाटी में मौजूद है। इस पौधे से ही नंदादेवी वन विभाग निजात नहीं पाया था कि अब एक नया पौधा जिसे गोल्डन फर्न कहा जा रहा है, ने घाटी में पांव पसारने शुरू कर दिये हैं। तेजी से यह पौधा फैल रहा है। यदि इसे रोकने के ठोस उपाय नहीं किये गये तो फूलों की घाटी का अस्तित्व ही समाप्त हो जायेगा। गोल्डन फर्न नामक यह पौधा अपने आसपास के पौधों को नष्ट कर देता है। नंदादेवी वन सरंक्षण के अधिकारियों की माने तो इस पौधे को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है और जल्द ही इस पौध से घाटी को निजात दिलायी जायेगी।