रावत सरकार की आख़िरी कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार से टकराव

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मंगलवार को हरीश रावत सरकार की संभवत: आखिरी मंत्रीमंडल की बैठक हुई। बैठक में ईको सेंसिटिव जोन घोषित करने के प्रकरण में भारत सरकार द्वारा हिमालयी राज्यों के बीच दोहरे मापदण्ड अपनाये जाने पर खेद व्यक्त किया गया। विचारोपरान्त मंत्रिमण्डल द्वारा निम्न निर्णय लिये गये:

  • राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को पूर्व में प्रेषित भागीरथी ईको सेंसिटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान को यथावत रखकर उसी पर बल दिया जाय।
  • प्रकरण में भारत सरकार/राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ¼NGT½ द्वारा राज्य के हितों के विपरीत निर्णय दिये जाने की दशा में, निर्णयों का विरोध औचित्यपूर्ण आधार के साथ मा. उच्चतम न्यायालय में अपील योजित करके किया जाये।
  • अन्य हिमालयी प्रदेशों में जल विद्युत परियोजनाओं को स्थापित किये जाने हेतु दी गई  व्यवस्था के अनुरूप ही उत्तराखण्ड राज्य को भी अनुमति प्रदान की जाये अन्यथा की स्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति स्वरूप राज्य को विद्युत आपूर्ति की जाये। इस सम्बन्ध में भारत सरकार से अनुरोध कर लिया जाये।
  • राज्य द्वारा पर्यावरण कानूनों का पूर्ण पालन करते हुए ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए सराहनीय प्रयास किये गये हैं तथा इस हेतु राज्य सरकार को ग्रीन बोनस दिये जाने के सम्बन्ध में भारत सरकार से अनुरोध कर लिया जाये।
  • अन्य हिमालयी प्रदेशों के ईको सेंसिटिव जोन में भू-उपयोग परिवर्तन राज्य सरकार स्तर पर किये जाने की व्यवस्था दी गई है। स्टीप स्लोप के सम्बन्ध में देशभर में लागू इण्डिन रोड कांग्रेस स्टैण्डर्ड – आई.आर.सी. 73 को लागू किया गया है। उक्त के समान ही भू-उपयोग परिवर्तन एवं स्टीप स्लोप के मानकों को भागीरथी ईको सेंसिटिव क्षेत्र में भी लागू किया जाये।
  • Western Ghat Eco Sensitive Zone, महाराष्ट्र एवं अन्य हिमालयी प्रदेशों के लिये जारी किये गये ईको सैंसिटिव जोन की अधिसूचनाओं के अनुरूप ही विकास हेतु पर्यावरण मानकों में प्राप्त छूट के समान ही प्रदेश को प्रदान की जाये। 
  • सी.पी.सी.बी. द्वारा 25 मेगावाॅट तक के जल विद्युल परियोजनाओं को व्हाइट कैटेगरी की श्रेणी में रखा गया है तथा ई.आई.ए. ¼Environment Impact Assesment½ नोटिफिकेशन 2006 के अन्तर्गत भी इन परियोजनाओं को पर्यावरण स्वीकृतियों से छूट प्राप्त है। अतः अन्य हिमालयी प्रदेशों की तरह ही उत्तराखण्ड में भी 25 मेगावाॅट तक की जल विद्युत परियोजनओं को स्थापित करने की अनुमति प्रदान की जाये। 

Transitional clause के अन्तर्गत भागीरथी ईको सैंसिटिव जोन नोटिफिकेशन की तिथि से पूर्व भगीरथी एवं सहायक नदियों में अनुमन्य/ क्रियान्वित की जा रही जल विद्युत परियोजनाओं को स्थापित किये जाने की अनुमति प्रदान की जाये।