जीएमवीएन और केएमवीएन का होगा विलय

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    कुमाऊं मंडल विकास निगम, गढ़वाल विकास निगम तथा उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड का विलय किया जाएगा। विलय प्रस्ताव पर 23 अगस्त को कैबिनेट प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी। एकीकरण के दौरान कर्मचारियों के वरिष्ठता के मामले एडवर्स तरीके से बदले जाएंगे, ताकि किसी कर्मचारी की वरिष्ठता के साथ छेड़छाड़ न हो। यह कहना है पर्यटन सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का।
    राज्य की नई पर्यटन नीति बनाने के लिए होटल समेत अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ मंथन कार्यक्रम में पहुंचे पर्यटन सचिव ने मीडिया से बातचीत करते हुए माना कि राज्य में केएमवीएन-जीएमवीएन, पर्यटन विभाग, यूटीडीबी आदि अलग-अलग संस्थाओं की वजह से पर्यटन विकास प्रभावित हुआ है। एक शहर में केएमवीएन-जीएमवीएन के अलग-अलग बुकिंग सेंटर हैं, इससे भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। सचिव ने कहा कि एकीकरण के प्रस्ताव का कर्मचारी वरिष्ठता प्रभावित होने की वजह से विरोध करते हैं, संयुक्त कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष दिनेश गुरुरानी के नेतृत्व में मिले शिष्टमंडल ने भी इस चिंता की ओर ध्यान दिलाया है, मगर शासन ने इस बार प्रमोशन संबंधी चिंता का पहले ही निराकरण कर दिया है। उन्होंने कहा कि मसूरी में जाम की समस्या को देखते हुए कार फ्री बनाने का प्लान तैयार किया गया है, इसके तहत शहर से पहले ही पार्किग तैयार की जाएगी, जिसके लिए स्थान चिह्नित किया जा चुका है, फिर वहां से रोप-वे व अन्य माध्यमों से पर्यटकों को शहर भेजा जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक कार चलाने का भी प्रस्ताव है। स्थानीय ट्रैफिक सिस्टम के लिए भी प्रावधान किया गया है, ईको फ्रेंडली ट्रैफिक सिस्टम तैयार किया जाएगा।
    मसूरी की तर्ज पर ही नैनीताल को भी कार फ्री बनाने पर विचार किया जा रहा है। नारायण नगर में 50 करोड़ की लागत से कार पार्किग बनाई जाएगी। एडीबी के सहयोग से यह पार्किग बनेगी। बोले कोशिश यह है कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिले। यह भी कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन योजना में होटल-मोटल गेस्ट हाउस अपग्रेड करने पर फंड मुहैया कराने का प्रावधान जोड़ा जाएगा। होटलों की हर हाल में स्टार रेटिंग हो, इस दिशा में पहल तेज की जा रही है।