ऋषिकेश। नए साल में सरकारी अस्पतालों में इलाज महंगा होने जा रहा है। 1 जनवरी से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल में मरीज को 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ भुगतान करना होगा,जिसमें अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन, पैथोलॉजी, रेडियोलोजी और सभी तरह की जाँच महंगी हो जाएंगी। ऋषिकेश का सरकारी अस्पताल जो कि पुरे गढ़वाल क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवाएं देता है और पहाड़ से लोग इलाज के लिए ऋषिकेश का रुख करते हैं ऐसे में राजकीय हॉस्पिटल में इलाज महंगा होगा तो लोग कहां जाएंगे,सरकार के इस फैसले से लोगों में भी नराजगी देखी जा रही है।
नए साल में जहाँ सरकार अपने लोगों को तोहफे देती है तो वही प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को नए साल में महंगा इलाज देने जा रही है। जी हाँ हम बात कर रहे है प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की जहाँ एक जनवरी से इलाज महंगा होने जा रहा है, अभी तक सरकारी अस्पताल सस्ते इलाज के लिए जाना जाता रहा है लेकिन 2018 से यहाँ रजिस्ट्रेशन से लेकर इलाज तक 10 फीसदी की बढ़ोतरी होने जा रही है, जिससे आने वाले साल में यहाँ इलाज कराने के लिए पहुंचने वाले लोगों की जेब पर असर पड़ेगा। तो वहीँ ऋषिकेश राजकीय अस्पताल के सीएमएस का कहना है कि की यह सरकार की पॉलिसी है और हर साल जनवरी से 10% बढ़ोतरी चार्जेस में होती आई है और जहां तक रही बात गरीब तबके की उन लोगों को बीपीएल कार्ड के साथ मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएगी।आपको बता दे की प्रदेश के सभी सरकारी हॉस्पिटलों में अल्ट्रासाउंड के शुल्क अब 389 से बढ़कर 428 रुपए हो जाएगा, इसी तरह पंजीकरण शुल्क 19 से बढ़कर 21 हो जाएगी, इसके अलावा खून की जांच, एक्स-रे, सामान्य एक्स-रे, डिजिटल हीमोग्लोबिन की जांच, थायराइड ब्लड शुगर ईसीजी भर्ती शुल्क, सीटी स्कैन आदि सभी तरह की जांचों में बढ़ोतरी हो जाएगी।
आपदा की दृष्टि से उत्तराखंड संवेदनशील प्रदेश है और यहां के अस्पतालों का बुरा हाल है। 50% से ज्यादा डॉक्टर के पद खाली हैं इसके अलावा अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाओं का भी टोटा है। इन समस्याओं के बीच इस तरह इलाजों के शुल्क को बढ़ाना कहीं न कहीं आम लोगों के लिए झटके से कम नहीं है। लोगों का साफ़ तौर पर कहना है की सरकार महंगाई को कम करने की बात कह रही है लेकिन महंगाई लगातार बढ़ती जाती है और इस तरह से सरकारी अस्पतालों में इलाजों को महंगा कर देना सरकार की बड़ी गलती है।अब गरीब लोग ईलाज के लिए कहाँ जायेंगे। उत्तराखंड में स्वास्थ सेवाओं को बेहतर करने के लिए प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की दशा में सुधार लाना होगा, इस तरह इलाजों के शुल्क को बढ़ाने से स्वास्थ सेवाएं दुरुस्त नहीं होंगी। इसके साथ साथ यहाँ स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधाएं मौजूद होनी चाहिये, जिससे उत्तराखंड के लोगों को बेहतर इलाज के लिए महानगरों का रुख ना करना पड़े और उन्हें अपने पास में ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।