उत्तराखंड में बढ़ती टाइगरों की संख्या को देखकर देश भर से वन जीव तस्करों की निगाह यहां के दो मुख्य टाइगर रिजर्व राजा जी और कॉर्बेट पर हमेशा बनी रहती है। हाल के दिनों में राजाजी नेशनल पार्क से वन जीवों की सुरक्षा के लिए लगाए गए ट्रैप कैमरे चोरी हो गए जिसके बाद अब जाकर वन विभाग हरकत में आया। मानसून आते ही उत्तराखंड के टाइगर रिजर्व वन तस्कर गिरोह सक्रिय हो जाता है जिसके चलते बड़ी मात्रा में अवैध शिकार किया जाता है और लाखों की वन संपदा को नुकसान पहुंचा कर जीवो को मार कर उनके शरीर के अंगों को अंतरराष्ट्रीय मार्केट में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। इसकी गवाही राजाजी पार्क से वन जीवों की सुरक्षा के लिये लगाए गए ट्रैप कैमरा की चोरी से सामने आई है। वन विभाग भी इन कैमरों की छोरी से सकते में है और वन मंत्री हरक सिंह रावत अब ठोस कदम उठाने की बात कर रहे है। वन महकमा पुरानी गलतियों से सबक लेकर इन दोनों पार्कों की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरे की मदद से निगरानी रखने जा रहा है। वन विभाग के मुताबिक इससे यहां घुसने वाले वन तस्करों को पकड़ा जा सकेगा। इसके लिए वन मंत्रालय ने ड्रोन कैमरे की सुरक्षा को दोनों पार्कों के लिए सुनिश्चित किया है। वन मंत्री ने कहा जल्दी यहां ड्रोन कैमरे की मदद से पार्कों की निगरानी की जाएगी। उत्तराखंड का राजाजी टाइगर रिजर्व और कार्बेट टाइगर रिजर्व हाथी एवं बाघों की बढ़ती संख्या का देशभर में एक अलग ही उदाहरण है जहां बड़ी संख्या में टाइगर पाए जाते हैं। सेव द टाइगर प्रोजेक्ट के तहत उत्तराखंड में बाघों की संख्या में वृद्धि देशभर में उम्मीद जगाई है। ऐसे में लगातार कॉर्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व में बढ़ रही मानवीय गतिविधियां यहां रह रहे जीवो के लिए खतरनाक साबित हो रही है। सरकार को वन जीवों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे जिससे वन तस्करों को मानसून में रोका जा सके और जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।