उत्तराखण्ड में पांच साल में लिंगानुपात को संतुलित करेगी सरकार: मुख्यमंत्री

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देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि बेटियां प्रदेश के विकास में बेटों के समान बराबरी का योगदान कर सकें, इसके लिए उन्हें समान रूप से आगे बढ़ाना जरूरी है। राज्य के पांच जिलों पिथौरागढ़, चम्पावत, चमोली, हरिद्वार एवं देहरादून में लिंगानुपात में असमानता है। पांच सालों में इस लिंगानुपात के अन्तर को संतुलित करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सर्वे चौक स्थित आईआरटीडी आॅडिटोरियम में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने 50 नवजात बालिका शिशुओं को वैष्णवी किट का वितरण एवं बालिकाओं के विकास पर आधारित प्रारम्भिक एक हजार दिनों पर आधारित ‘सुनहरे 1000 दिन’ कलेण्डर का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए बेटियों की सुरक्षा, सुविधा एवं समृद्धि के लिए सबको एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। पिछले 09 माह में बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ पर जागरूकता से पिथौरागढ़ में बाल लिंगानुपात में बेटियों की संख्या में वृद्धि हुई है, जहां 09 माह पहले एक हजार बालकों पर 813 थीं वहीं आज बढ़कर 934 हो गई हैं।
सीएम ने कहा कि सीएम डैशबोर्ड में बनाए गए गुड्डा-गुड्डी बोर्ड के माध्यम से बाल लिंगानुपात की लगातार समीक्षा की जा रही है, जिन जिलों में बालिकाओं की संख्या में कमी होगी, उन पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने में इससे मदद मिलेगी। शीघ्र ही प्रदेश के 27 लाख परिवारों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना से जोड़ा जाएगा। जच्चा और बच्चा की सही देखाभाल हो सके, इसके लिए शीघ्र ही 900 नर्सों की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए आशा कार्यकत्रियों के लिए 33 करोड़ रुपये के फंड की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि आज बेटियां किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है। हर क्षेत्र में बेटियां राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियां हांसिल कर रही हैं। यह समय रूढ़िवादी विचारधारा से हटकर आगे बढ़ने का है। नवजात बालिका शिशुओं के बीमा कवर देने के लिए भी सरकार कदम बढ़ाने को तैयार है।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रदेश में बेटी बचाने-बेटी पढ़ाने की योजना को और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश में पहली बार नवजात बालिका शिशुओं के लिए समर्पित कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह पहला ऐसा कार्यक्रम हैं, जिसमें नवजात बालिका शिशु अपने कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रही हैं। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की शुरुआत प्रदेश में देहरादून से की है। नवजात बालिका शिशुओं को जो वैष्णवी किट दिया जा रहा है। उसमें मुख्यमंत्री एवं महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री का शुभाकामना संदेश भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के संदेश को लेकर 55 किमी साइकिल रेस का आयोजित किया गया। जल्द ही रुद्रपुर से महिलाओं को सेनेट्री नैपकिन उपलब्ध कराने की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि देहरादून में लिंगानुपात के अन्तर को कम करने के लिए हम सबको संकल्प लेना होगा।
राजपुर विधायक खजानदास ने कहा कि उत्तराखण्ड में बेटियों की सुरक्षा एवं प्रदेश में लिंगानुपात के संतुलन के लिए सीएम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत जागरुकता पर विशेष बल दे रहे है, इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। पिथौरागढ़ एवं चम्पावत में लिंगानुपात में जो कमी आयी थी, अब उसमें वृद्धि हो रही है।
प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि मातृत्व एवं शिशु मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रत्येक सप्ताह समीक्षा की जा रही है। इस योजना के तहत बालिका के जन्म पर पांच हजार रुपये की धनराशि आॅनलाईन माध्यम से गर्भवती महिला के बैंक खाते में चली जाएगी। इस अवसर पर महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के अपर सचिव,महानिदेशक कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, भाजपा के महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, विकासनगर की ब्लाॅक प्रमुख तारा देवी, विशाल गुप्ता, खेमराज गुप्ता, डाॅ डीएस भण्डारी एवं महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास के अधिकारी उपस्थित रहे।