राज्यपाल डा.कृष्ण कांत पाल ने मानसून सीजन में उत्तराखण्ड आने वाले यात्रियों व स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर सचिव आपदा प्रबंधन अमित सिंह नेगी, आईजी संजय गुंज्याल के साथ एक समीक्षा बैठक की। श्री नेगी ने मानसून के दौरान किए गए सुरक्षा इंतजामों से राज्यपाल को अवगत कराया। आपदा प्रबन्धन विभाग की ओर से किए जा रही तैयारियों की जानकारी भी राज्यपाल को दी।
राज्यपाल ने यात्रा मार्गों में बोल्डर व लैण्डस्लाइड से होने वाले अवरोध जैसी घटनाओं के लिए इंतजाम किये जाने तथा दुर्घटना मार्गों की निगरानी के लिए पैट्रोलिंग टीम गठित किये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने लगातार होने वाली वर्षा से नदियोें में बढ़ने वाले जलस्तर व बाढ़ की स्थिति पर नजर रखते हुए स्थानीय नागरिकों को सूचना पहुंचाने के लिए एक केंद्रियकृत सूचना प्रणाली विकसित किये जाने के निर्देश भी दिये।
राज्यपाल ने कहा कि मौसम खराब होने व संचार माध्यमों के बाधित होने की स्थिति में संचार की वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाये जिससे किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके, संवेदनशील स्थानों पर चिकित्सकों की तैनाती हो, किसी भी प्रकार की असुविधा यात्रियों व स्थानीय लोगों को न हो। उन्होंने सुझाव दिया कि दैनिक रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा जल एकत्र होने की स्थिति व बर्फ पिघलने की गति जिससे पानी की अधिकता होने के कारण झील बनने तथा बाढ़ आने के खतरों की सूचना पहले ही मिल जाए इसके लिए उपग्रह की सहायता से रोजाना डाटा एकत्रित किया जाएं।
राज्यपाल ने मार्ग बाधित होने की स्थिति में ट्रैवल एजेंसियों द्वारा यात्रियों से निर्धारित किराये से अधिक की वसूली किये जाने को एक गम्भीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करे जो मनमाना किराया वसूली कर रहे हैं।
सचिव आपदा प्रबंधन श्री नेगी ने सभी बिन्दुओं पर तत्परता से कार्य करने का आश्वासन राज्यपाल को दिया।