काशीपुर, महंगे एंड्रॉइड मोबाइल के चलन ने नव वर्ष पर गुलजार होने वाले ग्रिटिंग्स कार्ड के बाजार को ध्वस्त कर दिया है। नव वर्ष के कुछ दिन पूर्व बाजार में ग्रिटिंग्स की अलग से दर्जनों दुकानें सजी दिख जाती थी। बच्चों के साथ युवाओं में भी अपने दोस्त रिश्तदारों को कार्ड भेजने के चलन ने अभी गति ही पकड़ी थी, कि मोबाईल ने गिटिंग के चलन को ही बंद होने पर मजबूर कर दिया।
डेढ़ से दो दशक पूर्व तक नव वर्ष पर ग्रिटिंग्स कार्ड की ही सबसे अधिक पूछ होती थी। किस दोस्त ने कार्ड भेजा, किसका कार्ड कितना महंगा और कितना आकर्षक था। लेकिन, कुछ साल के राज के बाद ही बाजार में एंड्रॉइड फोन का चलन तेज हुआ। पिछले तीन-चार साल में यह सेट सामान्य लोगों तक गांव-गांव पहुंच गया। नतीजा, लोग नव वर्ष की शुभकामना के लिए ग्रिटिंग्स कार्ड को भूल गए, बाजार में इसकी दुकानें भी कम हो गई।
नया साल आने पर महंगे मोबाइल सेट के मैसेंजर, व्हाट्सअप, मैसेज, वीडियो कॉल आदि के माध्यम से अपने लोगों को शुभकामना दे रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि वह पिछले कई साल से इसकी दुकान चला रहा है। अब से दस साल पूर्व तक महीने भर पहले से इसकी मांग तेज हो जाती थी। खरीदारी में भी सभी वर्ग शामिल था। लेकिन, अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है। ग्रिटिंग्स का सर्वाधिक प्रयोग करने वाले हर मध्यमवर्गीय परिवार में स्मार्ट फोन पहुंच गया है। अब उन्हें कार्ड की जरूरत नहीं है। बस कुछ बच्चे, जिनके पास मोबाइल नहीं है वही कार्ड खरीदने पहुंच रहे हैं।