हल्द्वानी; भाजपा दफ्तर में लगे जनता दरबार में जहर खाने वाले फरियादी प्रकाश पांडे की मौत के बाद नगर में आक्रोश और मातम रहा। ट्रांसपोर्टर पांडे का शव काठगोदाम पहुंचने के बाद सैकड़ों लोगों का उनके घर जमावड़ा लग गया। व्यापारियों ने नारेबाजी करके सरकार से नाराजगी जताई। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश, हल्द्वानी के मेयर जोगिंदर पाल सिंह रौतेला, डीएम दीपेंद्र चौधरी और एसएसपी जन्मजय खंडूरी एवं पूरी प्रशासनिक टीम प्रकाश पांडे के घर पहुंच गए, परिजन मांगों को लेकर अंत्येष्टि न करने पर अड़ गए। बाद में सरकार ने 12 लाख के मुआवजे एवं पत्नी को नौकरी का आश्वासन देकर शव का अंतिम संस्कार कराया।
मृतक के परिजनों का कहना था कि जब तक उत्तराखंड सरकार प्रकाश के परिजनों को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता की घोषणा नहीं करती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। जनाक्रोश के बीच नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने मुख्य सचिव से वार्ता की। सरकार ने मृतक के परिजनों को 12 लाख रुपये का मुआवजा देने एवं प्रकाश की पत्नी को संविदा पर तृतीय श्रेणी की नौकरी हल्द्वानी में देने का आश्वासन दिया। सरकार ने दो लाख रुपये फौरी तौर पर देने की बात कही। दस लाख रुपये बाद में देने की बात कही गई है। मृतक प्रकाश के बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा नैनीताल के जिलाधिकारी ने लिया है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पूरी पुलिस फोर्स भी तैनात की है। सरकार की घोषणा के बाद शव का अंतिम संस्कार करने पर परिजन राजी हुए। जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद प्रकाश पांडे का शव रानीबाग अंत्येष्टि के लिए ले जाया गया। उधर, नैनीताल का भी बाजार बंद रखे जाने की खबर है।
कुमाऊं में बंद बाजार
हल्द्वानी, ट्रांस्पोर्टर प्रकाश पांडे की मौत के बाद कुमाऊं भर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। कुमांऊ भर के कारोबारियों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं व आम जनता ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान गदरपुर, लालकुआं, जसपुर, काशीपुर, भवाली, नैनीताल, बिन्दुखत्ता में विरोध देखने को मिला। बाजार बंद होने से समूचे कुमाऊं के व्यापार पर भारी असर पड़ा।