हरिद्वार। तीर्थनगरी में बंदरों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। बंदरों के आतंक से लोगों को रोज समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। घर खुला होने से बंदर लोगों का सामान तहस-नहस कर देते हैं। इतना ही नहीं धूप में सूखाने के लिए घर के आंगन में डाले जाने वाले कपड़े भी इनके उत्पात से नहीं बच पा रहे हैं। बावजूद इसके निगम प्रशासन बंदरों के आतंक पर लगाम कसने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है।
ऐसा नहीं की बंदरों का यह आतंक हाल फिलहाल उत्पन्न हुआ हो। काफी समय से बंदरों के आतंक से कनखलवासी परेशान हैं। बतादें कि कनखल को बागों की नगरी कहा जाता था। एक-एक कर सभी बाग कटने के कारण बंदरों के आतंक में खासा इजाफा हुआ है।
निगम प्रशासन ने पूर्व में बंदरों को पकड़ने के लिए अभियान भी चलाया, किन्तु एक-दो दिन चलकर अभियान ने दम तोड़ दिया और बंदरों के आतंक से लोगों को मुक्ति नहीं मिल पाई। स्थिति यह है कि घर को खाली छोड़ना किसी बड़े खतरे से कम नहीं। बंदरों के झुंड राह चल रहे लोगों पर हमला करने में भी पीछे नहीं है। अभी तक बंदर कनखल के राजघाट क्षेत्र में कई लोगों को घायल कर चुके हैं। शुक्रवार की सुबह बंदरों ने एक कुत्ते के पिल्ले पर हमला बोला और उसे बुरी तरह से घायल कर दिया। बमुश्किल लोगोें ने कुत्ते के बच्चे को बंदरों के चंगुल से छुड़ाया। लोगों का कहना है कि यदि शीघ्र ही बंदरों को पकड़ने का काम निगम प्रशासन द्वारा शुरू नहीं किया तो वह धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।