हरीश रावत ने ट्रांसपोर्टर की खुदकुशी पर भाजपा सरकार को घेरा

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देहरादून। देहरादून में एक और ट्रांसपोर्टर की खुदकुशी पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में भाजपा की डबल इंजन सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि व्यापारी और किसान एक के बाद एक आत्महत्या कर रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरी बैठी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार राज्य को साम्प्रदायिकता की प्रयोगशाला न बनाए।

भाजपा सरकार को आड़े हाथ लेते हुए रावत ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों का नतीजा यह है कि विवश होकर ट्रांसपोर्टर ने खुदकुशी जैसा कदम उठाया। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार को ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे और बलवंत भट्ट की आत्महत्या से सबक लेना चाहिए। पहले प्रकाश पांडे और अब बलवंत भट्ट आर्थिक तंगी से जूझते ट्रांसपोर्टर मौत को गले लगा रहे हैं। पूर्व सीएम ने त्रिवेंद्र सरकार और मोदी सरकार को उनकी नीतियों जनविरोधी बताते हुए कहा कि अगर सरकार सही काम करती तो देहरादून के ट्रांसपोर्टर बलवंत भट्ट की आत्महत्या नहीं करते। उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदार राज्य सरकार की नीतियां और वह खुद हैं।
रावत ने कहा कि प्रदेश का हाल बुरा है लेकिन यह गो संरक्षण के नाम पर साम्प्रदायिकता का रंग देने की कोशिश में है। सरकार को गौ से प्रेम है तो प्रदेश में अनुसंधान चिकित्सालय प्रयोगशाल क्यों नहीं खोल रही है। मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए आम बजट को भी हरीश रावत ने झुनझुना करार देते हुए कहा कि इस बजट में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को कुछ नहीं दिया है। केंद्र सरकार ने ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन तक के लिए कोई बजट नहीं दिया है, जिससे रेल लाइन अधर में लटकने की संभावना है।
रावत ने कहा कि मोदी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार की बात करते हैं लेकिन मनरेगा के बजट में सरकार ने कोई बढ़ोत्तरी नहीं की, साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भी बजट को नहीं बढ़ाया गया। उन्होंने बजट को आधारहीन बताया। स्वच्छता का जगह-जगह प्रचार करने वाली इस सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान का बजट भी नहीं बढ़ाया। हरीश रावत ने भाजपा अध्यक्ष के गरीबों के घर खाना खाने पर कहा कि वब एक नहीं सौ गरीबों के जाकर खाना खाएंगे और इसकी शुरुआत हरिद्वार से की है। भाजपा सरकार के जनविरोधी कार्यों के खिलाफ विपक्ष पूरी एकजुटता से कार्य करेगा।