अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ रही राजधानी की स्वास्थ्य सेवाएं

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देहरादून। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल यदि जानना है, तो किसी दुरुह क्षेत्र में जाने की जरूरत नहीं है। राजधानी दून में ही दिख जाएगा कि अव्यवस्था के मर्ज ने हेल्थ सिस्टम को किस कदर जकड़ लिया है। अब दून मेडिकल कॉलेज की महिला विंग (दून महिला अस्पताल) का ही उदाहरण लीजिए। बुधवार सुबह टीके लगाने जुटी भीड़ को उस वक्त मायूस होना पड़ा जब स्टाफ ने यह कह दिया कि सीरिंज खत्म है। टीका लगाना है तो सीरिंज बाहर दुकान से लानी पड़ेगी।

दरअसल गर्भवती व बच्चों को दून महिला अस्पताल में सप्ताह में तीन दिन टीके लगाए जाते हैं। बुधवार को भी अस्पताल में महिलाएं अपने बच्चों और कई गर्भवती टीका लगाने को पहुंची थीं। कुछ टीके लगाने के बाद मौजूद स्टाफ ने टीका लगाने से हाथ खड़े कर दिए। उन्होंने बताया कि सीरिंज खत्म हो गई है। टीकाकरण के लिए बाहर से सीरिंज लाने को कहा गया। सीरिंज खत्म होने के कारण कई लोग वापस लौट गए, तो कई ने बाहर से सीरिंज लाकर टीका लगवाया। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता का कहना है कि स्टॉक में सीरिंज की कमी नहीं है। टीकाकरण कक्ष में सीरिंज खत्म थे, तो वक्त पर इसकी डिमांड की जानी चाहिए थी। अस्पताल में इस तरह की संवादहीनता नहीं होनी चाहिए। इस मामले में स्टाफ से स्पष्टीकरण तलब कर लिया है। बहरहाल कॉलेज प्रशासन अब चाहे जो कहें, सवाल उठता है कि टीकाकरण के दिन इस तरह की कोताही आखिर क्यों बरती गई। वह भी तब जब टीकाकरण के लिए भारी भीड़ जुटती है। महिलाएं अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर व कई गर्भवती दूरदराज से टीका लगाने आती हैं। उन्हें सीरिंज जैसी चीज भी बाहर से खरीदना पड़े तो इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर ही सवाल खड़े होते हैं।