केदारनाथ में 600 मीटर से ऊपर ही उड़ेंगे हेलीकाप्टर

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राज्य सरकार ने केदारनाथ में उड़ने वाले हेलिकाॅप्टरों के लिये उड़ने की ऊंचाई तय कर दी है। ऐसा केदार घाटी में पर्यावरण को हेलीकाॅप्टरों के उड़ने से होने वाले नुकसान से बचने के लिये किया गया है। गुरूवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में केदारनाथ में हैली सेवाओं के आपरेटरों के साथ बैठक में इसका फैसला किया गया। बैठक में केदारनाथ वाईल्ड लाईफ सेंचुरी में रह रहे वन्य जीवों पर हैली सेवाओं के चलने से पड़ने वाले असर पर चर्चा की गयी। एक रिपोर्केट में कहा गया है कि

  • केदारनाथ हैली सेवा के लिये गौरीकुण्ड से रामबाड़ा तक का इलाका केदारनाथ वन्य जीव पार्क में पड़ता है।
  • इस क्षेत्र में हैलीकाप्टर 600 मीटर की ऊॅचाई पर उड़ना चाहिए।
  • सभी हैलीसेवा कंपनियों को निर्देशित किया गया कि केदारनाथ वाइल्ड लाईफ सेंचुरी में हैली सेवाओं की उड़ान 600 मीटर से अधिक ऊॅंचाई पर की जाय।
  • हेलीकाप्टर की लेंडिंग और टैकआॅफ के समय यह प्रतिबन्ध नहीं रहेगा।
  • सेवा देने वालों को यह भी निर्देशित किया गया कि हैलीकाप्टरों द्वारा 600 मीटर से अधिक की ऊॅचाई पर उड़ान भरने से ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा जिससे वन्य जीवों पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
भारतीय वन्य जीव संस्थान से हेलीकाप्टरों की उड़ान से केदारनाथ नेशनल पार्क में पड़ने वाले असर का अध्ययन करने के लिए कहा गया था। देश में पहली बार हुए इस अध्ययन में पाया गया कि इस क्षेत्र में जितने वन्य जीव पहले थे, उतने अभी भी हैं। यानि हेलीकाप्टरों की उड़ान से वन्य जीव कहीं और नहीं गये।
केदारनाथ वाईल्ड लाईफ सेंचुरी के करीब बने सिरसी हेलीपैड से उड़ान भरने वाले हैलीकाप्टर केदारनाथ के निकट होने के चलते तय 600 मीटर की ऊॅचाई प्राप्त नहीं होती है, इसलिये सिरसी हैलीपैड से उड़ान भरने वाले हैलीकाप्टर केदारनाथ की ओर उड़ने से पहले केदारनाथ वाईल्ड लाईफ सेंचुरी के इलाके से बाहर उलटी दिशा में उड़ान भरकर 600 मीटर से अधिक ऊॅंचाई पर पहुंचने के बाद ही केदारनाथ की तरफ उड़ान भरेंगे।
हांलाकि ये भी तय हुआ कि अगर किसी मौसम आदि की स्थिति में किसी हेलीकाप्टर को 600 मीटर से कम ऊॅचाई पर उड़ान भरनी पड़ती है तो इसका लाॅग बुक में रिकाॅर्ड रखा जायेगा।