हेमकुंड साहिब में भी बजेगा ट्रिन-ट्रिन

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अब तक संचार सुविधा से महरूम श्री हेमकुंड साहिब में एक हफ्ते के भीतर लोगों को मोबाइल सेवा का लाभ मिलने लगेगा। बीएसएनएल ने घांघरिया में टावर लगाने के लिए भूमि तलाश कर वहां तैयारियां शुरू कर दी हैं। टावर के लिए सभी सामान गोविंदघाट पहुंच चुका है।

श्री हेमकुंड साहिब व फूलों की घाटी क्षेत्र में दूरसंचार सेवा नहीं है। हेमकुंड साहिब के 19 किमी लंबे पैदल मार्ग पर गोविंदघाट से दो किमी आगे पुलना गांव तक ही मोबाइल सेवा है। इसके बाद यहां किसी प्रकार की कनेक्टिविटी नहीं है। हर साल हेमकुंड साहिब व फूलों की घाटी लाखों श्रद्धालु व पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन, संचार क्रांति के इस युग में भी वे यात्रा के दौरान दो दिन तक देश-दुनिया से कटे रहते हैं। स्थानीय लोगों व व्यापारियों की स्थिति यह है कि उनकी महीनों तक अपनों के साथ बातचीत नहीं हो पाती।

संचार सुविधा न होने के कारण 2013 की आपदा के दौरान यात्रियों के जगह-जगह फंसने से सरकार की खासी किरकिरी हुई थी। इसी को देखते हुए तब यहां संचार सेवाएं हर हाल में उपलब्ध कराए जाने की रणनीति बनी थी। लेकिन, यह योजना धरातल पर नहीं उतर पाई। अब भारत संचार निगम घांघरिया में मोबाइल सेवा शुरू करने जा रहा है। इसके लिए भूमि का चयन भी हो चुका है। गुरुद्वारा घांघरिया में हेमकुंड यात्रा ट्रस्ट ने मोबाइल टावर लगाने को भूमि उपलब्ध कराई है। इस टावर से पुलना गांव व हेमकुंड तक छह किमी क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी मिलने लगेगी।

दूरसंचार महाप्रबंधक (श्रीनगर) मुसद्दी लाल ने बताया कि मोबाइल टावर का सामान गोविंदघाट पहुंच चुका है और उम्मीद है कि एक हफ्ते के भीतर मोबाइल सेवा शुरू हो जाएगी। उधर, गुरुद्वारा गोविंदघाट के प्रबंधक सरदार सेवा सिंह का कहना है कि बीएसएनएल की सेवा हेमकुंड रूट पर 14 किमी क्षेत्र में मिलेगी। इससे यात्रियों सहित आम लोगों का भी फायदा होगा। उन्होंने यात्रियों से साथ में बीएसएनएल का सिम लाने की अपील की है।

रिलायंस ने भी लगाए थे टावः वर्ष 2006-07 में रिलायंस ने भी घांघरिया में मोबाइल टावर लगाया था। इस पर जनरेटर व बैटरियां भी लगा दी गई थीं, लेकिन टावर आज तक शुरू नहीं हो पाया। नतीजा, निजी भवन पर लगा यह टावर शो-पीस बना हुआ है।