शराब और अन्य नशीलें पदार्थों पर नैनिताल हाई कोर्ट ने कड़ा रुख इख्त़यार कर लिया है। हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पहाड़वासियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए और ख़ासतौर पर चारधाम यात्रा के अंतर्गत आने वाले ज़िलों रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी में शराब, बीयर एवं नशीले पदार्थों की बिक्री पर पूर्णतः रोक लगा दी है । इसके अलावा सिख घर्म के पावन स्थलों के लिये हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि नानकमत्ता, हेमकुंड साहिब और रीठा साहब गुरुद्वारा के पांच किलोमीटर की परिधी में कोई भी तंबाकू के पदार्थ का ना तो सेवन होगा और ना ही बेचा जाएगा । हरिद्वार निवासी उदय नारायण तिवारी की जनहित याचिका पर न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों, चिकित्सालय एवं धार्मिक स्थलों से एक किलोमीटर की परिधी में कोई भी शराब की दुकान नहीं खोलने के भी आदेश दिए हैं । न्यायालय ने नए वित्तीय वर्ष से इन नियमों समेत शराब की दुकानों कि संख्या कम करने को भी कहा है ।
गौरतलब है कि लंबे समय से राज्य में शराब बंदी को लेकर कई सामाजिक संगठन लड़ाई लड़ रहे थे। साथ ही देश भर में गुटके पर बैन और हाल ही में बिहार में हुई शराब बंदी के बाद इस माँग को और बल मिल गया था। कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है और ख़ासतौर पर चार धाम यात्रा सर्किट पर सालाना लाखों तीर्थयात्रि आते हैं। इसलिये ये ज़रूरी हो जाता है कि ऐसे स्थानों पर नशीलें पदार्थों की बिक्री और सेवन पर रोक लगे।