उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने एक बात साफ कर दी है कि हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि धर्म, जाति, वंश एवं समुदाय और बोली के आधार पर वोट मांगना भ्रष्ट आचरण में आता है। इसी कड़ी में भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राजनैतिक दलों से प्रचार प्रसार में धर्म, जाति, वंश एवं समुदाय और बोली के आधार पर वोट मांगने को रिप्रजेन्टेशन आफ द पीपल एक्ट 1951 के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण मानते हुए दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके लिए राजनैतिक दलो से भी मांग किया गया है कि वो इस संबन्ध में हाईकोर्ट के फैसले के बारे में अपने कार्यकर्ताओं, कैडर, पार्टी पदाधिकारियो को भी सूचना दें और निर्देशित करे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के लिए सभी डिस्ट्रीक्ट मजिस्ट्रेट और डिस्ट्रीक्ट ईलेक्टोरल आफिसर को भी निर्देश दे दिये गए हैं।
सालों से देशों की राजनीति धर्म जाति आदि के इर्द गिर्द ही घूमती रही है, यहां तक की कुछ राजनीतिक दलों के बनने का मूल अजेंडा ही ये सब रहा है ऐसे में नेता किस प्रकार अपने को इन सब का उपयोग वोट साधने मे करने से रोक पायेंगे ये दिलचस्प रहेगा।