होटल व्यवसाय पर मंदी की जबरदस्त मार

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ऋषिकेश। धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश मे होटलों पर मंदी की मार छा गई है। होटल इंड्रस्टीज मे छाए सन्नाटे के चलते व्यवसाय से जुड़े लोगों के दिलों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं। वर्ष बीतने के बावजूद नोटबंदी से होटल व्यवसाय के लोग उबर नहीं पा रहे हैं।

नोटबंदी के एक वर्ष गुजर जाने के बावजूद होटल व्यवसाय पटरी पर नही आ पाया है। होटल व्यवसायी जबरदस्त मंदी के दौर से जूझ रहे हैं। होटल एसोसिएशन के सचिव व होटल गंगा किनारे के स्वामी सूरज गुल्हाटी का कहना है कि शहर के तमाम आलीशान होटलों में 30 से 40 फीसदी तक दी जा रही छूट के बावजूद पर्यटक आर्कषित नहीं हो पा रहे हैं। जिसकी वजह से होटलों के कमरे खाली पड़े हैं।
नोटबंदी से पूर्व तक विंटर के मौसम के आगाज के साथ ही पर्यटकों की जबरदस्त आमद के साथ होटल व्यवसायियों के चेहरे खिल उठते थे। खासतौर पर नवम्बर-दिसम्बर मे विदेशी सैलानियों के साथ-साथ पड़ोसी राज्य हिमाचल, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली सहित देश के विभिन्न राज्यों से पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ उमड़ा करती थी लेकिन इस वर्ष तस्वीर बिल्कुल अलग है। नगर के अधिकांश होटलों मे सन्नाटा पसरा हुआ है।
तपोवन रिसोर्ट के मालिक दिलेराम रतूड़ी का कहना है कि मंदी से परेशान होटलों मे भी खर्च को सीमित करने के लिए कर्मचारियों की छटनी भी की जा रही है। जबकि अधिकांश होटल व्यवसायियों ने उत्तराखंड राज्य में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने बैंकों से कर्ज लेकर अपने व्यवसाय को खड़ा किया है लेकिन यात्रियों के ना होने के कारण उनके खर्चे भी नहीं निकल रहे हैं।