मुझे गाने के बोल याद नहीं रहते हैंः ए.आर रहमान

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पद्मश्री गायक और संगीतकार ए.आर.रहमान ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि मेरी कमजोरी है कि मुझे गाने का बोल याद नहीं रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं किसी कॉन्सर्ट में जाता हूं, तो मैं गाने के बोल याद नहीं करता हूं बल्कि मैं वहां कि चीजों को एक्सप्लोर करता हूं। उन्होंने कहा कि अगर गाने के बोल याद करने लगता हूं तो फिर दिमाग दूसरी जोन में नहीं जा पाता है।

रहमान ने कहा कि उन्हें हर तरह के संगीत के साथ काम करना पसंद है| जैसे राजस्थानी, सूफी, हिप हॉप करते हुए रैप करना हो। उन्होंने कहा कि मैं अगले जन्म में भी संगीतकार ही बनना चाहूंगा।

उल्लेखनीय है कि ए.आर रहमान को 2000 में पद्मश्री और चार बार संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उन्हें फिल्म ‘स्लम डॉग मिलेनियर’ के संगीत के लिए आस्कर अवार्ड भी मिल चुका है।