अब उत्तराखंड के सभी बंदी होंगे कंप्यूटर प्रशिक्षित

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    राज्य कारागार के सभी बंदी अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) के छात्र होंगे। इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र देहरादून के द्वारा प्रमुख सचिव आनंद वर्धन की पहल पर उत्तराखंड राज्य के विभिन्न कारागारों के बंदियों के लिये निशुल्क कंप्यूटर शिक्षा का अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है। बंदियों को शिक्षित समाज को हिस्सा बनाने की दिशा में शनिवार को शिविर का आयोजन किया गया।

    जिला कारागार देहरादून में आयोजित हुआ इग्नू प्रवेश शिविर, इग्नू क्षेत्रीय केन्द्र देहरादून के उपनिदेशक डाॅ. रंजन कुमार एवं सहायक क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. जगदम्बा प्रसाद के दिशा निर्देशन में संचालित किया गया। शिविर का आयोजन कारागार अधीक्षक महेन्द्र सिंह ग्वाल एवं जेलर राकेश वर्मा के द्वारा कारागार परिसर में किया गया जिसमें लगभग 200 बंदियों ने प्रतिभाग किया।

    शिविर के प्रारंभ में कारागार अधीक्षक एमएस ग्वाल ने बताया कि कारागार में बंदियों के सर्वांगीण विकास हेतु कारागार के भीतर ही इग्नू अध्ययन केन्द्र संचालित होता है। जिसमें लगभग एक दर्जन शैक्षणिक एवं रोजगारपरक कार्यक्रम बंदियों हेतु उपलब्ध हैं। इग्नू के उपनिदेशक डाॅ. रंजन कुमार ने इंतिहास के विभिन्न प्रसंगों का उदाहरण देते हुए बंदियों को प्रेरित किया कि शिक्षा के द्वारा जीवन में मूलभूत परिवर्तन संभव हैं एवं कारागार बंदियों हेतु दूरस्थ शिक्षा आजादी की लड़ाई के समय से अबतक जीवन परिवर्तन का एक सशक्त माध्यम रही है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष इग्नू द्वारा बड़े स्तर पर बंदियों को कंप्यूटर प्रशिक्षित किया जाएगा।

    सहायक क्षेत्रीय निदेशक डाॅ.जगदम्बा प्रसाद ने बंदियों को इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि कारागार में रहते हुए अध्ययन करने से न सिर्फ समय का सदुपयोग होता है बल्कि भविष्य में रोजगार पाने की संभावनाओं का बड़ा द्वार भी खुल जाता है। तत्पश्चात इग्नू के अधिकारियों द्वारा बंदियों की शिक्षा के प्रति विभिन्न जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। शिविर में इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों में बंदियों ने प्रवेश लिया। कंप्यूटर शिक्षा के लिए सूचना तकनीकी में प्रमाण पत्र एवं कंप्यूटर साक्षरता कार्यक्रम चलाये जायेंगे।

    कंप्यूटर प्रशिक्षण कारागार देहरादून परिसर में उपलब्ध कंप्यूटरों के द्वारा परिसर के भीतर ही चलाया जायेगा। कृषि में रूचि रखने वाले बंदियों हेतु जैविक कृषि में प्रमाणपत्र, मधुमक्खी पालन में प्रमाणपत्र आदि कार्यक्रम संचालित होंगे। इसके अलावा शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए बीए, बीकाॅम एवं जैसे कई विषयों में स्ताकोत्तर डिग्री भी उपलब्ध कराई जाएगी। अधिक पढे़ लिखे बंदियों हेतु स्नातकोत्तर डिप्लोमा कार्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। कारागार अधीक्षक ने बताया कि देहरादून कारागार में लगभग 500 बंदियों को इग्नू के विभिन्न कार्यक्रमों में प्रवेश दिया जायेगा।